चंडीगढ़।
पंचायतों के बाद अब शहरी स्थानीय निकायों में भी पिछड़ा वर्ग-ए (बीसी-ए) को आरक्षण दिया जाना तय हो गया है। सोमवार को सीएम मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बीसी-ए को आरक्षण देने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी गई है। इसके अनुसार, शहरी स्थानीय निकायों में मेयर, चेयरमैन के कुल पदों में 8% बीसी-ए के लिए आरक्षित होंगे।
पार्षद पद के लिए आरक्षण निकाय क्षेत्र में बीसी-ए की आबादी के अनुसार तय होगा। जिस निकाय में एससी आबादी 50% या अधिक है तो वहां बीसी-ए को उनकी आबादी के प्रतिशत के बावजूद आरक्षण नहीं मिलेगा। निकाय में बीसी-ए को कम से कम एक सीट के लिए उसकी आबादी 2% या इससे अधिक होना जरूरी है। कैबिनेट की बैठक मंगलवार को भी होगी। इसमें आरक्षण के लिए एक्ट में संशोधन के लिए अध्यादेश लाया जाएगा।
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