हरियाणा सहित देश के उत्तर राज्यों में बदलेगा मौसम का मिजाज, आग बरसती गर्मी से मिलेगी राहत

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Weather Update : वर्तमान में हरियाणा और एनसीआर दिल्ली में अधिकतर स्थानों पर तापमान लगातार बढ़ है और साथ ही रिकॉर्ड तोड़ भीषण गर्मी के साथ गंभीर हीट वेव लू अपने तीखे और प्रचण्ड तेवरों से आगाज किये हुए है। इस आफ़त भरी गर्मी से बचने के लिए लोग घरों में ही रहने को मजबूर हैं और दिन के समय सड़कें और बाजार सुनसान दिखने लगे हैं।

लंबे समय के अंतराल के बाद अब मौसम में हल्का ही सही लेकिन बदलाव की संभावना बन रही है। एक मध्यम दर्जे का पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है जो पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को मंगलवार 12 अप्रैल की रात्रि से प्रभावित करना शुरू करेगा। जिसकी वजह से पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पंजाब के पास एक कमजोर साइक्लोनिक सर्कुलेशन विकसित होने की वजह से हवाओं की गति और दिशा में बदलाव होने की संभावनाएं बन रही है। हवाओं की दिशा पश्चिम से बदलकर 13 -14 अप्रैल को दक्षिण पूर्व हो जाएगी जिसकी वजह से अरब सागर से हवा में नमी बढ़ेगी। जो काफी दिनों से प्रति चक्रवातीय सर्कुलेशन की वजह से सम्पूर्ण इलाके से नदारद थी और और भीषण उष्ण तीक्ष्ण गर्मी और थार मरुस्थल की हीट बेव लू चल रही थी उसमें कुछ समय ( दो- तीन दिनों ) के लिए लगाम लगेगी। इसके अलावा हवाओं की गति भी 25 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की और अनेक स्थानों पर आंधी और अंधड़ चलने की प्रबल संभावनाएं बन रही है।

13 और 14 अप्रैल को मध्यम दर्जे की बारिश इस दौरान पछुआ पवनों का मिलन दक्षिणी पूर्वी नमी वाली पवनों से होने की वजह से इलाके में आंशिक बादलवाही देखने को मिलेगी। बादलवाही और तेज़ गति से हवाएं चलने की वजह से सम्पूर्ण हरियाणा व एनसीआर दिल्ली में तापमान में 3.0 से 4.0 डिग्री सेल्सियस तक गिरावट दर्ज की जाएगी। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मौसम में संभावित बदलाव 13 और 14 अप्रैल को पर्वतीय क्षेत्रों में विशेषकर जम्मू, कश्मीर, लेह लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में देखने को मिलेगा। दोनों दिन इन स्थानों पर दोपहर से रात के बीच गरज चमक के बादलों का निर्माण होगा और मध्यम दर्जे की बारिश दर्ज की जाएगी, एक दो स्थानों पर ओलावृष्टि भी दर्ज की जा सकती है। बादलवाही और तेज़ हवाएं चलने से लगातार बढ़ते तापमान और हीट वेव लू में कमी आएगी। जबकि मैदानी राज्यों में इस प्रणाली का सीमित प्रभाव ही देखने को मिलेगा। वर्तमान मौसम प्रणाली शसक्त नहीं है इसलिए प्रेरित चक्रवातीय सर्कुलेशन कमजोर बनने की संभावनाएं हैं, लेकिन वर्तमान में प्रचंड गर्मी में हल्के से बदलाव यानी नमी बढ़ने से और वातावरण में थोड़ी सी भी अस्थिरता होने पर नमी बादलों के विकास में अग्नि में घी का काम करती है । जिसकी वजह से मैदानी राज्यों में विशेषकर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी गरज चमक के बादलों का निर्माण हो सकता है।

हरियाणा में कैसा रहेगा मौसम उत्तरी राजस्थान, उत्तरी हरियाणा, पंजाब, दिल्ली एनसीआर और पश्चिमी उत्तरप्रदेश के सीमित हिस्सों में बादलों का निर्माण हो सकता है और हल्की बारिश की गतिविधियां और धूलभरी आंधी, चलने के साथ छिटपुट जगहों पर कहीं हल्की तो कहीं तेज़ बारिश के दौर दर्ज किए जा सकते हैं। संपूर्ण सूबे में बादलों का आना-जाना होगा, चंडीगढ, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर के 25 से 50% हिस्सों में गरज चमक के साथ बारिश की गतिविधियां के साथ 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की प्रबल संभावनाएं बन रही हैं। जबकि शेष हरियाणा में केवल बादलवाही के साथ दक्षिणी जिलों में धूल भरी आंधी और सिमित स्थानों पर कहीं कहीं हल्की बारिश और बुंदाबांदी की गतिविधियां देखने को मिल सकती है। 15 अप्रैल से सम्पूर्ण हरियाणा एनसीआर दिल्ली में एक बार फिर से गर्मी और हीट बेव लू अपने तीखे तेवरों से आगाज करेंगी। क्योंकि जैसे ही चक्रवातीय सर्कुलेशन समाप्त हो जाएगा उसकी जगह प्रति चक्रवातीय सर्कुलेशन ले लेगा और फिर से मौसम करवट लेगा और भीषण गर्मी और प्रचण्ड व गंभीर हीट बेव लू चलने की प्रबल संभावनाएं बन रही है।

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