लेह-लद्दाख में आर्मी का ट्रक खाई में गिरने से 9 जवान शहीद हो गए। इनमें हरियाणा में 3 जवान शामिल हैं, जबकि चौथा घायल हुआ है। शहीदों में रोहतक के अंकित, पलवल के मनमोहन सिंह और नूंह के तेजपाल सिंह शामिल हैं, जिनके पार्थिव शरीर आज घर पहुंचेंगे।
लेह-लद्दाख आर्मी कैंप से शहीद सैनिकों के पार्थिव शरीर को फायर एंड फ्यूरी कॉर्प्स के कमांडर और सभी रैंक के अधिकारियों ने सैन्य सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी और घर के लिए रवाना किया।
हादसे जींद के अनुज घायल हुए हैं, जिनका आर्मी अस्पताल में इलाज चल रहा है। तीनों शहीदों का शव सोमवार को उनके पैतृक गांव पहुंचेगा, जहां राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी।
गांव गद्दी खेड़ी निवासी अंकित ने 2019 में आर्मी जॉइन की थी। वह 311 मेड रेजिमेंट में तैनात थे। अंकित की शादी 5 महीने पहले नरेला में हुई थी। शादी के बाद परिवार में खुशियां थी। उसके पिता जसबीर की भी करीब डेढ़ साल पहले मौत हो गई थी, जिसके बाद परिवार का बोझ अंकित के ही कंधों पर था। उसने खुद अपने मकान का निर्माण करवाया और छोटे भाई को भी आगे बढ़ाने के प्रयास किए, ताकि वह भी सफल हो पाए।
गांव बहीन के रहने वाले मनमोहन 2016 में आर्टिलरी विंग में गनर थे। मनमोहन सिंह की 3 बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। करीब 5 माह पहले ही उनकी पोस्टिंग लेह लद्दाख में हुई थी। वह अपने मां-बाप के इकलौते बेटे थे। गांव के सरपंच विक्रम का कहना है कि मनमोहन पढ़ाई में काफी होशियार था। उसकी शुरू से ही फौज में जाने की मंशा थी। नूंह जिले के संगेल गांव का रहने वाला तेजपाल सिंह भी लेह में हुए हादसे में शहीद हो गए। शहीद तेजपाल सिंह के 6 और 3 वर्ष के 2 बेटे हैं। 311 मेड रेजिमेंट लोकनायक तेजपाल सिंह साल 2013 में सेना में भर्ती हुए थे।
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