हरियाणा में सोसाइटी ने 50 लाख लोगों को ठगा
सोनीपत।
हरियाणा में लाखों लोगों के करोड़ों रुपए लेकर एक कोऑपरेटिव सोसाइटी गायब हो गई। सोसाइटी ने करीब 6 साल तक लोगों से पैसे जमा करवाए और जब पैसे देने की बारी आई तो ऑफिस में ताला लगा मिला।
ह्यूमन वेलफेयर क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी के नाम से चल रही इस सोसाइटी के हरियाणा में करीब 250 से ज्यादा सुविधा केंद्र थे। इतना ही नहीं इस सोसाइटी से करीब 50 लाख लोग जुड़े हुए थे। लोगों का भरोसा जीतने के लिए समय समय पर महंगे होटलों में पार्टी तक की जाती थी। 2023 में बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद खुद इस सोसाइटी के एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे।
इस पूरे मामले में पुलिस ने 13 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसमें जानेमाने बॉलीवुड एक्टर श्रेयस तलपड़े और आलोक नाथ का भी नाम शामिल है।
ये सोसाइटी बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत इंदौर में पंजीकृत थी और 16 सितंबर 2016 से हरियाणा सहित देश के कई राज्यों में कार्यरत थी। सोसाइटी ने लोगों को फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और आवर्ती जमा (RD) योजनाओं में निवेश के लिए आकर्षित किया। इसके लिए निवेशकों को बड़े रिटर्न का लालच दिया गया और एजेंटों को बड़े बड़े इंसेंटिव देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों से पैसे जमा कराए गए।
सोसाइटी ने मल्टी-लेवल मार्केटिंग का मॉडल अपनाया, जिसमें एजेंटों को नए निवेशकों को जोड़ने पर विशेष प्रोत्साहन दिया जाता था। सोसाइटी ने शुरुआत में खुद को एक विश्वसनीय वित्तीय संस्था के रूप में पेश किया और लोगों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित रहेगा और समय पर मैच्योरिटी राशि का भुगतान किया जाएगा।
इस पूरे मामले की शिकायत करने वाले सोनीपत निवासी विपुल के अनुसार, हरियाणा में इस सोसाइटी का हैड ऑफिस महेंद्रगढ़ में है। सोसाइटी ने पैसे जमा करा कर अपने सुविधा केंद्र बनाए थे। इस प्रकार के पूरे हरियाणा में 250 से ज्यादा केंद्र काम कर रहे थे। पानीपत जैसे कुछ बड़े शहरों में सोसाइटी के चेस्ट खोले गए थे। कुछ शहरों में सोसाइटी ने खुद की एम्बुलेंस सेवा के साथ साथ मोबाइल एटीएम वैन भी शुरू कर दी थी।
विपुल ने बताया कि उन्होंने अकेले 1 हजार से ज्यादा अकाउंट खुलवाए थे, जिनमें से अभी किसी के रुपए सोसाइटी ने नहीं लौटाए हैं। उनका कहना है कि पूरे हरियाणा में 50 लाख से ज्यादा लोग सोसाइटी से जुड़े हुए हैं। इनमें ऐजेंट व निवेशक दोनों शमाल हैं। एजेंट फ्रेंचाइजी लेकर घर पर ही बैठ कर काम करते थे। सारा काम ऑनलाइन होता था।
सोसाइटी में नए लोगों को जोड़ने के लिए कई कार्यक्रम होते थे। कई बार बड़े बड़े होटलों में प्रशिक्षण कार्यक्रम के नाम पर पार्टी भी होती थी। जिसमें एजेंटों को भी बुलाया जाता था। इन कार्यक्रमों का आयोजन कर सोसाइटी ने एजेंटों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित है।
विपुल ने पुलिस को दी शिकायत में खुद बताया कि इस सोसाइटी ने साल 2016 से 2023 तक समय पर भुगतान और योजनाओं का सुचारू संचालन किया। निवेशकों को परिपक्वता राशि समय पर दी गई। एजेंट्स को नए निवेशकों को जोड़ने पर इंसेंटिव भी टाइम से दिया।
निवेशकों और एजेंट्स ने जब इन समस्याओं को लेकर सोसाइटी के अधिकारियों से संपर्क किया, तो उन्हें झूठे आश्वासन दिए गए। धीरे-धीरे लोगों ने सोसाइटी के लोगों पर ठगी के आरोप लगाने शुरू किए तो सोसाइटी के मालिकों ने अपने एजेंटों और निवेशकों से सभी संपर्क बंद कर दिए। इतना ही नहीं जब लोग दफ्तरों में जाकर हंगामा करने लगे तो उन्होंने अपने सभी दफ्तरों पर ताला लगा दिया और सभी अधिकारी कर्मचारी लोगों के करोड़ों रुपए फरार हो गए।