Atal Canteen: हरियाणा में किसानों की बल्ले-बल्ले, 10 रुपये में मिलेगा भरपेट खाना
Atal Canteen: हरियाणा में 600 रियायती भोजन कैंटीन स्थापित करने के अपने संकल्प पत्र में उल्लिखित प्रतिबद्धता को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य सरकार ने पहले चरण में इस साल अगस्त तक 200 नई अटल श्रमिक किसान कैंटीन शुरू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी 15 अगस्त, 2025 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन कैंटीनों का उद्घाटन करेंगे।
अटल श्रमिक किसान कैंटीन में किसानों और मजदूरों को मात्र 10 रुपये प्रति थाली की रियायती दर पर स्वच्छ भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।
सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीनों का प्रबंधन महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों द्वारा किया जाता है
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पूरे राज्य में विभिन्न स्थानों पर 175 सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीन संचालित हैं। इनमें श्रम विभाग की 115, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एचएसएएमबी) की 53 और चीनी मिलों की 7 कैंटीन शामिल हैं।
इन कैंटीनों का प्रबंधन महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के सदस्यों द्वारा किया जाता है, जिससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है। 200 नई अटल श्रमिक किसान कैंटीनों की स्थापना के साथ प्रदेश में इनकी संख्या बढ़कर 375 हो जाएगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन कैंटीनों के लिए स्थानों की पहचान करने का काम जल्द से जल्द शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि चरणबद्ध तरीके से राज्य में कुल 600 ऐसी कैंटीन खोलने का लक्ष्य रखा गया है।
सब्सिडी वाले कैंटीनों का पोर्टल स्थापित करें
मुख्यमंत्री ने राज्य में संचालित सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीनों के लिए एक समर्पित पोर्टल स्थापित करने के निर्देश दिए, ताकि इन कैंटीनों के बारे में जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि इन कैंटीनों में भुगतान क्यूआर कोड के माध्यम से किया जाना चाहिए, जिससे डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिले।
खाद्य पदार्थों का एक समान मेनू अपनाया जाए
नायब सिंह सैनी ने निर्देश दिए कि राज्यभर में संचालित सभी सब्सिडी वाले खाद्य कैंटीनों में खाद्य पदार्थों का एक समान मेनू अपनाया जाए। उन्होंने हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एचएसआरएलएम) को एक मानकीकृत मेनू तैयार करने के निर्देश दिए, जिसमें बाजरे से बने खाद्य पदार्थ भी शामिल हों।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने इन कैंटीनों में नाश्ता उपलब्ध कराने के महत्व पर बल दिया तथा मजदूरों और किसानों को इडली और डोसा जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन परोसने का सुझाव दिया।