Haryana: हरियाणा के 9 जिलों को मिली ये बड़ी सौगातें, CM सैनी ने किया बड़ा ऐलान
Haryana: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बजट पेश करते हुए घोषणा की कि प्रदेश में 9 अति आधुनिक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किये जाएंगे ताकि माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सके।
उन्होंने राज्य के लोगों के स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाये रखने की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग की सभी योजनाओं के प्रस्तावों के लिए वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान की तुलना में 8.17 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। पिछले वर्ष जहाँ यह बजट 9391.87 करोड़ रूपये था , वही इस बार बढ़ाकर वर्ष 2025-26 के लिए 10,159.54 करोड़ रूपये करने का प्रस्ताव रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने वित्त मंत्री के तौर पर बजट पेश करते हुए बताया कि पिछले 10 वर्षों में भारत सरकार और हरियाणा सरकार ने मिलकर स्वास्थ्य व्यवस्था में न केवल भारी निवेश किया है। शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव से लेकर संचारी व गैर संचारी रोगों की रोकथाम एवं निवारण तक निरंतर मिशन मोड में काम किया है। यही कारण है कि वर्ष 2013-14 के मुकाबले प्रदेश में संस्थागत प्रसव 85.7% से बढ़कर 97.9% एवं पूर्ण टीकाकरण दर 85.7% से बढ़कर 92% हो गई है।
मातृ मृत्यु दर 127 से घटकर 110, नवजात मृत्यु दर 26 से घटकर 19, शिशु मृत्यु दर 41 से घटकर 28 तथा 5 वर्ष से कम आयु के शिशुओं की मृत्यु दर 45 से घटकर 33 हो गई है।
उन्होंने बताया कि "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" की भावना पर सतत कार्य करने से जन्म के समय लिंग अनुपात वर्ष 2014 की तुलना में अब 868 से बढ़कर 910 तक पहुँच गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयुष्मान-चिरायु से लेकर मुफ्त डॉयलिसिस योजना तक राज्य सरकार की अनेक अनूठी योजनाओं के सफल क्रियान्वन से आज हरियाणा का हर परिवार अच्छे अस्पतालों में ईलाज के लिए सम्भावित खर्च की चिन्ता से मुक्त है।
उन्होंने कहा कि हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने के संकल्प से डॉक्टर बनने के इच्छुक युवाओं के उत्साह में जबरदस्त वृद्धि हुई है। आज पूरे प्रदेश में 15 मैडिकल कॉलेज, 10 दन्त चिकित्सा कॉलेज, 19 फिजियोथैरेपी कॉलेज, 111 नर्सिंग कॉलेज तथा 182 नर्सिंग स्कूल कार्यरत है। पिछले 10 वर्षों में हमने एमबीबीएस की 1485 सीटें, पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री एवं डिप्लोमा की 754 सीटें, डीएम एवं एमसीएच की 30 सीटें बढाई हैं।
आज प्रदेश में एमबीबीएस की 2185 सीटें, पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री एवं डिप्लोमा की 1043 सीटें तथा डीएम एवं एमसीएच की 37 सीटें हो गई है। इस वर्ष इन एमबीबीएस सीटों को बढ़ाकर 2485 करने का प्रस्ताव है।
उन्होंने यह भी कहा कि आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धतियों पर पिछले 10 वर्षों में डबल इंजन सरकार ने बहुत बल दिया है।
उन्होंने पंचकूला में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान स्थापित करने पर भारत सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रदेश की माताओं और शिशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए मातृ मृत्यु दर, नवजात मृत्युदर, शिशु मृत्युदर तथा 5 वर्ष से कम आयु के शिशुओं की मृत्युदर में और अधिक कमी लाने के लिए सरकार कटिबद्ध है।
इस उद्देश्य से वर्ष 2025-26 में पंचकूला, पानीपत, फरीदाबाद, सोनीपत, पलवल, सिरसा, कैथल, महेन्द्रगढ़ के जिला अस्पतालों व मैडीकल कॉलेज नूंह में कुल 9 अति आधुनिक मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2014-15 में हरियाणा में 200 बिस्तर वाले कुल 4 तथा 300 बिस्तर वाले 2 राजकीय अस्पताल थे। आज इनकी संख्या बढकर क्रमशः 18 व 3 हो गई है। उन्होंने बताया कि पलवल, रोहतक एवं चरखी दादरी जिला अस्पतालों तथा अल आफिया जिला अस्पताल मांडी खेड़ा (नूंह) को 100 से 200 बिस्तरीय अस्पताल में अपग्रेड करने की स्वीकृति दे दी गई है।
वित्त वर्ष 2025-26 में हिसार और पानीपत के जिला अस्पतालों को 200 से 300 बिस्तरीय तथा झज्जर के जिला अस्पताल को 100 से 200 बिस्तरीय अस्पताल में अपग्रेड किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगले 2 वर्षों में हर जिला अस्पताल को उस शहर का उतने बिस्तर वाला सर्वोत्तम अस्पताल बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए वित्त वर्ष 2025-26 में सभी जिला अस्पतालों में आधुनिक सेवाओं तथा आधुनिकतम उपकरण जैसे सीटी स्कैन, एमआरआई, अल्ट्रासाउन्ड, ब्लड एनालाइजर और डिजीटल एक्सरे उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके अलावा, सभी जिला अस्पतालों में मरीजों के लिए निजी कमरों की व्यवस्था की जायेगी तथा उनके सहयोगियों के लिए भी आश्रय गृह की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।
उन्होंने बताया कि हर जिला अस्पताल में व हर सरकारी मेडिकल कॉलेज में 50 बैड का एक क्रिटिकल केयर (Critical Care) ब्लॉक बनाया जाएगा और ब्लड बैंक की सुविधा का आधुनिकीकरण किया जाएगा।