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Success Story: दुकानदार की बेटी बनीं पायलट, पिता ने बेच दिया था पढ़ाई के लिए घर

 

Success Story: अगर किसी में कुछ कर गुजरने की चाह हो तो वह किसी भी मुकाम को हासिल कर सकता है। आज हम आपको बिहार के सारण निवासी ताईबा अफरोज की संघर्ष भरी कहानी बताने जा रहे है। ताईबा को बचपन से ही पायलय बनने का शौक था। बेटी का सपना पूरा करने के लिए राशन की दुकान चलाने वाले पिता ने अपनी संपत्ति तक बेच दी।

सारण के मढ़ौरा स्थित जलालपुर निवासी मोतीउल हक और समसुन निशा की बेटी ताईबा अफरोज ने अपने पायलट बनने के सपने को पूरा कर दिखाया है। ताईबा एक कमर्शियल पायलट बन गई है। इन्हें DDCA जरूरी लाइसेंस मिल चुका है। ग्रामीण क्षेत्र से निकलकर इस मुकाम तक पहुंचने वाली ताईबा अफरोज मढ़ौर की पहली महिला पायलट बन गई है 

पायलट बनने की ठान ली

स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद ताईबा ने पायलट बनने की ठान ली और मुश्किलों की परवाह किए बगैर एक कदम इस और बढ़ा दिया। ताईबा के पिता की मढ़ौरा के मुबारकपुर नया बाजार पर एक राशन की दुकान है। वहीं उनकी मां एक गृहणी है।  

फ्लाइंग क्लब में दाखिला लिया

ताईबा ने अपने पापा के दोस्त एयरफोर्श में कार्यरत मढ़ौरा के चंदना निवासी अली हसन की मदद से 2020 में भुवनेश्वर फ्लाइंग क्लब में एडमिशन लिया। यहां उन्होंने 80 घंटे का फ्लाइंग एक्सपीरिएंस करने के बाद एक ट्रेनर पायलट की मौत के सदमे के बाद अपनी ट्रेनिंग से ब्रेक लिया। 

लेकिन फिर साल 2023 में इंदौर फ्लाइंग क्लब में दाखिला लेकर ट्रेनिंग शुरु कर दी। वहां बचे हुए 120 घंटे की ट्रेनिंग ली। इस ट्रेनिंग के बाद DDCA ने इन्हें कमर्शियल पायलट का लाइसेंस दिया। अब ताईबा मढ़ौरा की पहली महिला पायलट बन गई है। 

ताईबा अफरोज ने बताया कि उन्हें पायलट बनने में उनके पिता के दोस्त मढ़ौरा के चंदना निवासी एयरफोर्स में कार्यरत अली हसन और ताईबा के खुद की दोस्त के पिता चेन्नई के रहने वाले पूर्व डीजीपी अनूप जायसवाल ने काफी सहयोग किया और उन्हें इस काम के लिए लगातार प्रोत्साहित भी करते रहे। 

जिस कारण वे माता-पिता के अलावा उक्त दोनों लोगों को पायलट बनाने का श्रेय देती है। इस दौरान पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण ताईबा ने फ्लाइंग क्लब का भारी भरकम फी चुकाने के लिए सहयोगी के अलावा मढ़ौरा बैंक ऑफ इंडिया से लोन भी लिया और अपनी एक प्रॉपर्टी को बेच दिया।