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हरियाणा में 1154 महिलाओं ने चोरी-छिपे एबॉर्शन कराया, 56 आशा वर्करों को नोटिस जारी 

 

हरियाणा में स्वास्थ्य विभाग के अलर्ट के बाद भी गर्भवती महिलाओं के द्वारा चोरी-छिपे एबॉर्शन कराने के चोरी छिपे एबाॅर्शन करवाने का आरोप है। 

हाल ही में तीन महीने में की आई एक रिपोर्ट में 1154 गर्भवती महिलाओं द्वारा एबॉर्शन कराने का खुलासा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को शक है कि इन महिलाओं ने गर्भ में बेटी होने के कारण करवाने का आरोप है। 

इसको लेकर सूबे की 56 आशा वर्करों को नोटिस जारी किया गया है। इसकी वजह यह है कि इन आशा वर्करों की सरकार ने इन गर्भवतियों पर मॉनिटरिंग रखने के लिए बतौर सहेली के तौर पर डयूटी लगाई थी। इस रिपोर्ट के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है।

स्वास्थ्य विभाग को अपने पुष्ट सूत्रों से ऐसी रिपोर्ट प्राप्त हुई है कि जिन गर्भवतियों द्वारा गर्भपात करवाने के आंकड़े विभाग को उपलब्ध कराए गए है, वे सही नहीं है। कहीं न कहीं ये आंकडा उससे भी अधिक है। क्योंकि आशा वर्करों द्वारा दी गई जानकारी और सूत्रों से मिली रिपोर्ट में भी काफी अंतर देखने को मिला है। लिहाजा विभाग की एक टीम अब इस पर भी गुपचुप तरीके से काम कर रही है ताकि सही आंकड़े के साथ कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा सके।

रिवर्स ट्रैकिंग करा रहा विभाग

स्वास्थ्य विभाग अब विभाग गर्भवतियों द्वारा गर्भवात करवाने के मामले से जुड़ी रिवर्स ट्रैकिंग के नियमों को भी सख्त बनाने में जुटा हुआ है ताकि मुख्यालय से ही समुचे प्रदेश की गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। यही नहीं अब इस मामले में संबंधित सीएमओ की भी जवाब देही सुनिश्चित करने पर विचार चल रहा है।

अभी विभाग गर्भपात करवाने आली महिलाओं की रिवर्स ट्रैकिंग के दौर से गुजर रहा है। हालांकि इन नियमों को अधिक सख्त बनाने के बाद इस पर अलग से काम किया जाएगा। मगर पहले फेज में विभाग ने रिवर्स ट्रैकिंग का काम शुरू कर दिया है।

केस हिस्ट्री खंगाल रहा विभाग

रिवर्स ट्रैकिंग के दौरान यदि गर्भपात करवाने वाली महिला की केस हिस्ट्री लेकर उसके अनुसार कार्यवाही की जा सके। अगर किसी भी स्टेज पर महिला की गलती पाई जाती है तो विभाग उसे नोटिस जारी करके अपनी जांच में शामिल करेगा। संतोषजनक जवाब. या संबंधित दस्तावेज न मिलने पर कानूनी कार्रवाई तक हो सकती है।