जिला में 2 लाख 83 हजार गाय व भैंसों को मुंहखुर व गलघोटू का टीकाकरण का रखा लक्ष्य
भिवानी :
पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग के उपमंडलाधिकारी डा. राजेश जाखड़ ने स्थानीय महम रोड़ स्थित श्रीगौशाला ट्रस्ट भिवानी में पशुपालन विभाग द्वारा किए जा रहे मुंहखुर-गलघोटू टीकाकरण का निरीक्षण किया और दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने मुंहखुर-गलघोटू टीके के तापमान की जांच की व कोल्ड चैन का जायजा लिया।
उपमंडलाधिकारी डा. राजेश जाखड़ ने बताया कि भिवानी जिला में 2 लाख 83 हजार गाय व भैंसों को मुंहखुर-गलघोटू टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है।
यह टीकाकरण का अभियान 23 अक्तूबर से शुरू होकर 23 नवंबर तक चलेगा। उन्होंने बताया कि पशुपालन विभाग की टीम पशु चिकित्सक की देखरेख में घर-घर जाकर टीकाकरण का कार्य कर रही है। विभाग ने अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर टीकाकरण के लिए अलग-अलग टीमें लगाई हुई है। उपमंडलाधिकारी व उपनिदेशक भी समय-समय पर टीकाकरण की जांच कर रहे है।
यहां तक कि पंचकुला मुख्यालय से भी टीमें फील्ड में हो रहे टीकाकरण की निगरानी रखे हुए है। टीकाकरण के बाद टीमें भारत पशुधन ऐप पर इस टीकाकरण को ऑनलाईन कर रही है।
पशु चिकित्सक डा. विजय सनसनवाल ने बताया कि गलघोटू एक जानलेवा बीमारी है और मुंहखुर से पशु बहुत परेशान होता है और किसान को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का पहला ऐसा प्रदेश है, जहां मुंहखुर-गलघोटू की संयुक्त वैक्सीन प्रयोग हो रही है।
जिससे बार-बार टीकाकरण के कारण पशु बार-बार परेशान नहीं होता। विभाग की सक्रियता व टीकाकरण का ही परिणाम है कि पिछले कई वर्षो से हरियाणा में महामारी जैसी समस्या नहीं आई।
डा. सनसनवाल ने कहा कि टीकाकरण के लिए पशु पालकों का सहयेाग अति आवश्यक है। कई पशुपालकों को भ्रांति है कि टीकाकरण से दूध कम हो जाता है या फिर गर्भपात हो जाता है। यह बातें निर्थक है। टीका लगने के बाद पशु को बुखार तो हो सकता है, क्योंकि कोई भी वैक्सीन लगने से शरीर विरोध में क्रिया करता है, जो दो दिन बुखार की गोली देने से ठीक हो जाता है।
अगर टीकाकरण के बाद दो-तीन दिन 250-250 ग्राम गुड़ दे दिया जाए तो दूध भी कम नहीं होता। फिर भी अगर एक-आध पशु के थोड़ा बहुत दो दिन दूध कम भी हो जाए तो हमें सोचना नहीं चाहिए, क्योंकि पशु का जीवन एक-आध किलो दूध से ज्यादा कीमती है। डा. विजय सनसनवाल ने कहा कि किसी भी पशु का गर्भपात टीका लगने से नहीं होता। गर्भपात का कारण अन्य बीमारी हो सकती है। उन्होंने सभी पशुपालकों से अपील की कि चार महीने से ऊपर की गाय या भैंसों को टीकाकरण अवश्य करवाए। क्योंकि यदि एक भी पशु छूट गया तो समझो सुरक्षा चक्र टूट गया।