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विधायक व नप चेयरपर्सन प्रतिनिधि के हस्तक्षेप के बाद पब्लिक हेल्थ ने टैंकरों में पानी भरने पर दी सहमति 

 

भिवानी।

लगता है पब्लिक हेल्थ के अधिकारी शहर में पानी की समस्या का समाधान ही नहीं होने देना चाहते। क्योंकि पार्षद व नगरपरिषद ने अपने स्तर पर आठ टैंकरों के जरिए अपने-अपने क्षेत्रों में पानी की सप्लाई कर रहे है,लेकिन आज पब्लिक हेल्थ विभाग ने नगरपरिषद के टैंकरों में पानी भरने से इंकार कर दिया। जिसके बाद शहर के सभी पार्षदों ने चेयरपर्सन प्रतिनिधि भवानी प्रताप सिंह की अगुवाई में विरोध जताया।

कार्यकारी अभियंता से मुलाकात की। साथ ही विधायक घनश्याम सर्राफ ने विभाग के ईआईसी से बातचीत कर मामले की जानकारी दी। करीब एक घंटे तक पब्लिक हेल्थ विभाग के दफ्तर में हंगामा रहा।

बाद में विधायक सर्राफ व चेयरपर्सन प्रतिनिधि भवानी प्रताप सिंह ने ईआईसी व अधीक्षक अभियंता से मामले की जानकारी देने के बाद टैंकरों में पानी भरने पर सहमति हुई। उसके बाद नगरपरिषद ने अपने टैंकरों में पानी भरकर लोगों की मांग के अनुरूप उनके घरों तक पहुंचना आरंभ किया। इस मौके पर वाइस चेयरमैन प्रतिनिधि संदीप तंवर,नगर पार्षद संदीप यादव, सुभाष तंवर,सत्येंद्र मोर,अजय कुमार,पवन सैनी,मनोज खन्ना, सूर्य,अनिल कुमार,शिवकुमार,  सुक्रमपाल सिंह आदि मौजूद थे।

जब पब्लिक हेल्थ विभाग  रोके टैंकर

शनिवार दोपहर बाद नगरपरिषद के टैंकर पानी लेने के लिए पब्लिक हेल्थ विभाग के कार्यालय पहुंचे तो वहां पर तैनात कर्मचारियों ने पानी भरने से इंकार कर दिया। नप कर्मचारियों ने इसकी सूचना नगरपरिषद चेयरपर्सन प्र्रतिनिधि भवानी प्रताप सिंह से की। उसके बाद नप चेयरपर्सन प्रतिनिधि व शहर के करीब दो दर्जन से ज्यादा पार्षद पब्लिक हेल्थ के कार्यालय में पहुंच गए।

वहां पर उन्होंने इस बारे में कार्यकारी अभियंता से बातचीत की,लेकिन उन्होंने ईआईसी की ओर से इंकार करने की बात कह कर पानी भरने से रोका है। इस दौरान विधायक घनश्याम सर्राफ ने इस मामले में ईआईसी से बात की और मामले की जानकारी दी। करीब एक घंटे तक कार्यालय में हंगामा होता रहा। बाद में ईआईसी ने नप के टैंकरों में पानी भरने पर सहमति जता दी।

नप ने जुगाड़ से तैयार किए आठ टैंकर

नगरपरिषद के पास पुराने ट्रैक्टर खड़े थे और पुराने ही टैंकर थे। कुछ पार्षदों ने सहयोग किया तो नगरपरिषद ने आठ टैंकर तैयार कर लिए। उसके बाद भी जिस भी इलाके से किसी व्यक्ति ने पानी की कमी की सूचना दी। नप उसी समय उसी इलाके में नि:शुल्क पानी का टैंकर भेज रही है। दूसरी तरफ पब्लिक नप पार्षदों के पास भी पानी की शिकायत करती है तो पार्षद नगरपरिषद के टैंकरों को ही उन इलाकों में भेजा जाता है। यहां यह बताते चले कि नगरपरिषद ने जुगाड़ की यह व्यवस्था पब्लिक हेल्थ विभाग के अधिकारी पानी की समस्या का समाधान न करने पर की है।

जेई नहीं उठाते फोन

हालांकि पब्लिक हेल्थ उन इलाकों में पानी के टैंकर भिजवाती है। जिन इलाकों के लोग पीने के पानी की समस्या की शिकायत करते है। कुछ दिनों तक तो पब्लिक हेल्थ ने पानी की सप्लाई दी,लेकिन पानी के टैंकर नहीं भेजते। अगर एसडीओ से बात की जाती है तो वे जेई का मोबाइल नम्बर दे देते है। जब जेई से बात की जाती है तो जेई फोन ही नहीं उठाते। फोन नहीं उठाने पर किस तरह से प्रभावित इलाके में पानी का टैंकर भेजा जा सकेगा। पब्लिक हेल्थ के उपेक्षित रवैये के बाद ही नप ने यह कदम उठाया।

जनता के फोन आने पर भेजते है पानी के टैंकर:भवानी

नगरपरिषद के चेयरपर्सन प्रतिनिधि भवानी प्रताप सिंह ने बताया कि उनके पास पानी की कमी को लेकर जनता के फोन आते है। एक एक पार्षद पर दिन में करीब 70 से 80 तक पानी भेजने के लिए फोन आ जाते है। वे नि:शुल्क पानी का टैंकर भेजते है,लेकिन पब्लिक हेल्थ ने आज उनके टैंकर भरने से इंकार कर दिया। जिसका हमने विरोध किया। उन्होंने बताया कि पब्लिक हेल्थ के अधिकांश टैंकर खाली खड़े है।

वे टैंकर के लिए फोन ही नहीं उठाते। ऐसे में किस तरह से जनता का हलक तर करेंगे। पानी पहुंचाने की जिम्मेदारी तो पब्लिक हेल्थ की है,लेकिन नगरपरिषद पानी के टैंकर पहुंचा रही है। यह बात पब्लिक हेल्थ को हजम नहीं हो पा रही है।