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 ऐ. आई. टूल्स हमारे मददगार है हमें संचालित करने वाले नहीं  - डॉ. निमिष कपूर 

 

भिवानी ।

चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय में कुलगुरु दीप्ति धर्माणी के दिशा निर्देशन में एक दिवसीय ऑनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया ।

इस कार्यशाला में वैज्ञानिक एवं  डिजिटल मेंटर डॉ. निमिष कपूर ने विद्यार्थियों को ऐ आई डिजीटल रेडिनेस एंड एडवांसमेंट विषय पर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया।

इस कार्यशाला में उन्होंने बताया कि किस प्रकार ऐ. आई. में प्रशिक्षित होकर विद्यार्थी विकसित भारत को बनाने में सहयोग करेंगे। उन्होंने कई ऐ आई टूल्स की जानकारी दी जो न केवल वीडीयो बनाने में बल्कि शोध कार्य में भी सहायता करते हैं उन्होंने चैट जीपीटी और  जैमिनी के अलावा परप्लेक्सिटी को शोध के लिए उपर्युक्त बताया साथ ही उन्होंने गूगल पिन द्वारा किस प्रकार एक साथ दो लाख फाइल भेज सकते हैं इसे कर के दिखाया।
उन्होंने कहा कि भारत में आज डिजिटल सेवा में ऐ आई का उपयोग हो रहा है लेकिन यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि ऐ आई नौकरियां छीन लेगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  कहते हैं कि इतिहास ने दिखाया है कि तकनीक के कारण काम गायब नहीं होता, बल्कि इसके काम करने का तरीका बदल जाता है। हमें एआई-पावर्ड फ्यूचर के लिए खुद को स्किल्ड बनाना होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को ऐ आई को एक सहायक के रूप में प्रयोग करना चाहिए।

इस कार्यशाला की अध्यक्षता डीन अकादमिक अफेयर प्रो. दिनेश मदान ने की उन्होंने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि ऐ. आई. को एक अवसर के रूप में देखना चाहिए जिससे विधार्थी अपने स्किल्स को बढ़ा सकते हैं और भविष्य में शोध के नई विधि को विकसित कर सकते हैं। विज्ञान और तकनीक सब कुछ मनुष्य द्वारा विकसित किए गए हैं इनका उपयोग भी मनुष्य करता है समय के साथ तकनीक और कौशल दोनों विकसित होते हैं इसलिए ऐ आई से डरने की नहीं अपने स्किल्स को और निखारने की जरूरत है।
इस कार्यशाला में विषय प्रवेश और अथिति परिचय इस कार्यशाला के संयोजक  डीन ह्यूमैनिटीज,डायरेक्टर स्वर्ण जयंती यूनिवर्सिटी कॉलेज के प्रो. विपिन कुमार जैन ने दिया । प्रो. जैन ने  कहा कि  इस कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को ऐ आई के टूल्स के उपयोग पर प्रशिक्षण देना है और विधार्थी शोध के साथ अपने कौशल को और अधिक कैसे विकसित करे इस पर जानकारी देना है।
इस कार्यशाला में अतिथियों का धन्यवाद मीडिया एवं जनसंचार अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ लक्खा सिंह ने किया। एवं कार्यशाला  का  संचालन डॉ. उमा साह ने किया। इस कार्यशाला में डॉ. स्नेह लता शर्मा, अभिषेक चंदेल, सहित विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, शिक्षक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।