भिवानी औद्योगिक क्षेत्र की बदहाली, पार्षदों ने समाधान शिविर में की शिकायत
भिवानी :
शहर के विकास और राजस्व में अहम योगदान देने वाला भिवानी का औद्योगिक क्षेत्र इन दिनों प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार है।
यहां की बदहाल व्यवस्था, सुरक्षा के खतरे और मूलभूत सुविधाओं की कमी को लेकर वीरवार को पार्षद अंकुर कौशिक, पार्षद मनीष गुरेजा, पार्षद सुदामा, पार्षद प्रतिनिधि मदन, पार्षद जयवीर रंगा ने जिला भिवानी उद्योग संघ के प्रधान शैलेंद्र जैन के साथ मिलकर समाधान शिविर में उपायुक्त को शिकायत दी।
पार्षद अंकुर कौशिक व जिला भिवानी उद्योग संघ के प्रधान शैलेंद्र जैन ने कहा कि शहर के व्यापारी विकास कार्यों और धार्मिक आयोजनों में हमेशा आगे रहते हैं और सरकार को भारी रिवेन्यू देते हैं, लेकिन बदले में उन्हें सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में हालात बदतर हो चुके हैं।
70 प्रतिशत लाइटें खराब हैं जिससे सुरक्षा खतरे में है। पिछले तीन साल से यहां एक भी सफाई कर्मचारी नहीं है। सीवरेज के ढक्कन खुले पड़े हैं जो किसी भी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। हमारी मांग है कि प्रशासन कुंभकर्णी नींद से जागे और व्यापारियों की समस्याओं का तुरंत समाधान करे।
उपायुक्त को सौंपे गए पत्र में सबसे बड़ी चिंता सुरक्षा को लेकर जताई गई है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र की लगभग 70 प्रतिशत स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं।
बार-बार अनुरोध करने के बावजूद इन्हें ठीक नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र बस स्टैंड के नजदीक है और यहां बड़ी संख्या में प्रवासियों और अनजान व्यक्तियों का आना-जाना लगा रहता है। स्ट्रीट लाइटें बंद होने के कारण शाम ढलते ही यहां अंधेरा छा जाता है, जिससे व्यापारियों में हमेशा लूटपाट और सुरक्षा का डर बना रहता है।
यही नहीं पिछले 3 वर्षों से औद्योगिक क्षेत्र में कोई भी सरकारी सफाई कर्मचारी नियुक्त नहीं है। जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हैं और कंक्रीट-वेस्ट फैला हुआ है।
पार्षदों ने मांग की है कि क्षेत्र के लिए कम से कम 5 स्थाई सफाई कर्मचारियों का तुरंत प्रबंध किया जाए ताकि व्यापारियों को गंदगी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा कि बरसाती नालों और सीवरेज की स्थिति भी बेहद खराब है। सफाई के नाम पर नालों के ऊपर लगे स्लैब उखाड़ दिए गए, लेकिन सफाई न तो ढंग से हुई और न ही स्लैब वापस लगाए गए। खुले नाले अब दुर्घटना का सबब बन रहे हैं। पार्षद ने मांग की है कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
इस दौरान औद्योगिक क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 7 पार्कों की हालत सुधारने की मांग भी प्रमुखता से उठाई गई। पार्कों की चारदीवारी टूट चुकी है और जगह-जगह झाडिय़ां उग आई हैं।
ज्ञापन में पार्कों की चारदीवारी का पुनर्निर्माण करवाने और झाडिय़ों की सफाई करवाने का अनुरोध किया गया है ताकि क्षेत्र का सौंदर्यीकरण हो सके।
वही जिला भिवानी उद्योग संघ के प्रधान शैलेंद्र जैन ने भी प्रशासन से अपील की है कि औद्योगिक क्षेत्र की गरिमा को समझते हुए यहां पड़े मलबे को उठवाया जाए और मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त किया जाए, अन्यथा व्यापारियों को कड़े कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ेगा।