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कांग्रेस विधायक राजबीर फरटिया की बढ़ सकती हैं मुश्किलें ! 

 

भिवानी जिला के लोहारू कसबे के फरटिया गांव की छात्रा दीक्षा के सुसाइड केस में एक साल बाद नया मोड़ आया है। अब पीडीत परिवार को न्याय की उम्मीद जगी है।

पर इससे लोहारू से कांग्रेस विधायक राजबीर फरटिया की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। 

गौरतलब है कि फरटिया गांव की 22 वर्षीय दलित छात्रा दीक्षा ने 24 दिसंबर 2024 को अपने घर फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। परिजनों का आरोप था कि कॉलेज की फीस ना देने पर कॉलेज ने दीक्षा को BA के पांचवें सेमेस्टर के पेपर नहीं देने दिए गए। परिजनों की इस शिकायत पर पुलिस ने कॉलेज संचालक हनुमान और उनके बेटे राहुल के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार किया था।

पर इस केस में लोहारू के विधायक एवं कॉलेज के प्रबंधक राजबीर फरटिया का नाम आने पर केस स्टेट क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किया गया। लेकिन स्टेट क्राइम ब्रांच के तत्कालीन डीएसपी विवेक चौधरी ने नामजद आरोपियों को क्लीन चिट देते हुए अदालत में क्लोजर रिपोर्ट पेश कर दी थी, जिसके आधार पर दोनों आरोपियों को अंतरिम जमानत मिल गई थी।

 इसके बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस की जांच व क्लोजर रिपोर्ट पर सवाल खड़े करते हुए राष्ट्रिय एससी आयोग का दरवाज़ा खटखटाया। मृतका दीक्षा के पिता जगदीश ने कहा है कि पुलिस ने पैसे लेकर या किसी के दबाव में जांच एकतरफा की। राष्ट्रिय एससी आयोग द्वारा संज्ञान लेने के बाद मामले की दोबारा जांच शुरू हुई, जिसमें दीक्षा की असल लिखावट व पेपर की लिखावट मेल नहीं खा रही। उन्होंने अब निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कॉलेज प्रबंधक यानी विधायक राजबीर फरटिया को भी गिरफ्तार करने की मांग की है। 
वहीं पीड़ित पक्ष के वकील रजत कल्सन ने बताया कि दिल्ली स्थित फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी की रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि उत्तर पुस्तिकाओं में मौजूद लिखावट छात्रा की वास्तविक लिखावट से मेल नहीं खाती।

इस रिपोर्ट के आधार पर एसआईटी ने कॉलेज निदेशक हनुमान और उनके बेटे राहुल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की नई  धारा 338 (जालसाजी), धारा 336 (धोखाधड़ी के इरादे से झूठे दस्तावेज बनाना) और धारा 340 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। वकील का कहना है कि इससे स्पष्ट हो गया है कि विधायक व अन्य लोगों ने केस को मेन्यूप्लेट किया। उन्होंने अब मांग की है कि इस मामले में दो आरोपियों को मिला बैल रिज़ल्ट हो तथा विधायक राजबीर फरटिया व लोगों की भी जांच हो तथा उनकी भी जेल होनी चाहिए। 
बीते साल पूरे प्रदेश में दीक्षा सुसाइड केस सुर्खियों में रहा। अब फिर सुर्खियों में है। ऐसे में पीड़ित पक्ष व उनके वकील की मानें तो विधायक राजबीर फरटिया से फिर जांच और पूछताछ होगी। जिसके बाद ये केस नया मोड़ ले सकता है।