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डॉ. विकास दिव्यकीर्ति भिवानी पहुंचे 

 

हलवासिया विद्या विहार में प्रसिद्ध मार्गदर्शक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति द्वारा अभिभावकों एवं छात्रों को प्रेरणादायी परामर्श 

 एआई युग, भावनात्मक संतुलन और सही जीवन-दृष्टि पर मिला सार्थक मार्गदर्शन 

हलवासिया विद्या विहार में विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के लिए एक भव्य एवं अत्यंत प्रेरणादायी परामर्श सत्र का आयोजन किया गया। विद्यालय में दृष्टि आईएएस कोचिंग संस्थान(दिल्ली) के संस्थापक एवं देश के प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. विकास दिव्यकीर्ति विद्यार्थियों एवं अभिभावकों से संवाद हेतु पधारे।सर्वप्रथम बैंड की मधुर मंगल ध्वनि के साथ एनसीसी कैडेट्स द्वारा मुख्य अतिथि को अनुशासित एस्कॉर्ट के साथ समारोह स्थल तक लाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत संगीताचार्यों के निर्देशन में छात्रों द्वारा प्रस्तुत भव्य सरस्वती वंदना (आर्केस्ट्रा सहित) से हुई। इसके उपरांत माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत् शुभारंभ किया गया।
विद्यालय प्रशासन द्वारा मुख्य अतिथि डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का पगड़ी पहनाकर, शॉल एवं स्मृति-चिह्न भेंट कर सम्मानपूर्वक स्वागत-सत्कार किया गया।
शानदार मंच संचालन करते हुए आचार्य मनोज शर्मा ने मुख्य अतिथि का परिचय देते हुए बताया कि डॉ. विकास दिव्यकीर्ति इसी विद्यालय के पूर्व छात्र रहे हैं। स्वागत भाषण में विद्यालय प्रशासक डॉ. शमशेर सिंह अहलावत ने कहा कि ऐसे व्यक्तित्व विद्यार्थियों को केवल आगे बढ़ने का सपना ही नहीं दिखाते, बल्कि उसे सही दिशा में पूरा करने का मार्ग भी बताते हैं।सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में संगीताचार्यों के निर्देशन में विद्यार्थियों द्वारा एक भावपूर्ण एवं शानदार स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात विद्यार्थियों द्वारा जूडो की सशक्त एवं मंत्रमुग्ध कर देने वाली प्रस्तुति दी गई।जिसने अनुशासन और आत्मबल का प्रभावी संदेश दिया।

इसके बाद चारों युगों-सतयुग,त्रेता,द्वापर एवं कलियुग को दर्शाती नृत्य प्रस्तुति के माध्यम से भारतीय इतिहास, संस्कृति और जीवन-मूल्यों के संगम को जीवंत किया गया।
इसी क्रम में हरियाणवी संस्कृति की झलक प्रस्तुत करता हुआ एक शानदार हरियाणवी नृत्य भी मंचित किया गया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
इसके पश्चात विद्यार्थियों द्वारा डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के जीवन पर आधारित एक प्रभावशाली लघु नाटिका प्रस्तुत की गई।जिसके माध्यम से उनके संघर्ष, अध्ययनशीलता, जीवन-मूल्य और साधारण विद्यार्थी से असाधारण शिक्षाविद् बनने की प्रेरक यात्रा को प्रभावी ढंग से दर्शाया गया।

अपने उद्बोधन के आरंभ में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने अपने विद्यालय से जुड़े अनुभवों को छात्रों से साझा किया। तत्पश्चात उन्होंने विद्यार्थियों से मित्रवत व्यवहार करते हुए अत्यंत सरल, सहज और रोचक शैली में संवाद किया।परिचय के दौरान उन्होंने रोचक ढंग से स्वयं के जीवन से जुड़े कई किस्से छात्रों के साथ सांझा किए जिससे सभागार में आत्मीयता और उत्साह का वातावरण बन गया। उनकी बातों में कहीं उपदेश नहीं था बल्कि जीवन के अनुभवों से निकली सीख थी जिसे छात्रों ने पूरी एकाग्रता और उत्सुकता के साथ सुना।

छात्रों को महत्वपूर्ण संदेश देते हुए उन्होंने बताया आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस  का प्रभाव अत्यधिक बढ़ेगा और केवल ज्ञान के स्तर पर मशीन से प्रतिस्पर्धा करना संभव नहीं होगा। ऐसे में सफलता का आधार भावनात्मक संतुलन, आत्मनियंत्रण और सही समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता होगी। उन्होंने छात्रों को नशे, क्रोध, ईर्ष्या, जलन जैसी प्रवृत्तियों से दूर रहने, सोशल मीडिया का सीमित और समझदारी से उपयोग करने तथा 25 वर्ष की आयु से पहले भावनाओं में बहकर गलत निर्णय न लेने का संदेश दिया।

अभिभावक सत्र में डॉ. दिव्यकीर्ति ने अभिभावकों को बच्चों पर अपने सपने थोपने के बजाय उनकी रुचि समझने का संदेश दिया। असफलता के समय डांटने के बजाय साथ खड़े होकर हौंसला देने और बच्चों से मित्रवत् संवाद बनाए रखने का संदेश दिया‌।उन्होंने कहा कि बच्चों को डर से नहीं, समझ और विश्वास से आगे बढ़ाया जाना चाहिए।

घर का सकारात्मक माहौल ही बच्चे के आत्मविश्वास की सबसे मज़बूत नींव होता है। कार्यक्रम के अंत में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने पूरे आयोजन एवं विद्यालय द्वारा आमंत्रित किए जाने हेतु विद्यालय प्रबंधन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अपने ही विद्यालय में आकर छात्रों एवं अभिभावकों से संवाद करना उनके लिए भावनात्मक और यादगार अनुभव रहा।अंत में प्राचार्य विमलेश आर्य द्वारा मुख्य अतिथि का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

उन्होंने कहा कि यह सत्र विद्यार्थियों के जीवन में दीर्घकालिक सकारात्मक प्रभाव छोड़ेगा। इस अवसर पर उप-प्राचार्य दीपक वशिष्ठ, विभाग प्रमुख अलेक्जेंडर दास, अमरेंद्र कुमार, सुवीरा गर्ग सहित विद्यालय के समस्त शिक्षकगण, अभिभावकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।कुल मिलाकर यह एक अत्यंत सुव्यवस्थित, प्रेरणादायी और बहुत ही शानदार कार्यक्रम रहा, जिसे विद्यालय परिवार ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक सराहनीय कदम बताया।