अरावली के अस्तित्व पर संकट : एनएसयूआई ने सरकार के खिलाफ फूंका बिगुल
भिवानी :
अरावली पहाडिय़ों में खनन पाबंदियों को हटाने के सरकार के संभावित कदम ने प्रदेश के सियासी और पर्यावरण गलियारों में हलचल तेज कर दी है। वीरवार को स्थानीय जगत कॉलोनी स्थित कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल के निवास पर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने एक अनूठा विरोध प्रदर्शन किया।
संगठन ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के लिए सदबुद्धि यज्ञ का आयोजन कर सरकार को चेताया कि अरावली के साथ छेड़छाड़ भविष्य की पीढिय़ों के लिए घातक सिद्ध होगी।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अविनाश यादव के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव की तस्वीर हवन कुंड के समीप रखी गई। पंडितों द्वारा विधिवत मंत्रोच्चारण के बीच कार्यकर्ताओं ने आहुति देते हुए कामना की कि केंद्रीय मंत्री को पर्यावरण के महत्व की सदबुद्धि आए। संगठन का तर्क है कि देश के पर्यावरण मंत्री होने के नाते भूपेंद्र यादव की प्राथमिक जिम्मेदारी प्रकृति का संरक्षण करना है ना कि ऐसे नियमों को बढ़ावा देना जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचे।
यज्ञ के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेश अध्यक्ष अविनाश यादव, नेशनल कोर्डिनेटर लक्ष्यजीत सिंह और जिला अध्यक्ष मनजीत लांग्यान ने सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल उठाए।
उन्होंने कहा कि 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाडिय़ों से खनन की पाबंदी हटाना पर्यावरण के लिए आत्मघाती कदम होगा। पहले से ही खराब होते वायु गुणवत्ता सूचकांक के बीच अरावली का विनाश लोगों का सांस लेना दूषित कर देगा। एक सवाल के जवाब में अविनाश यादव ने स्पष्ट किया कि हम इस मुद्दे पर राजनीति नहीं कर रहे हैं। अगर हम और आने वाली पीढ़ी जीवित रहेगी, तभी राजनीति हो पाएगी। अरावली को बचाने की यह लड़ाई हमारे अस्तित्व से जुड़ी है। एनएसयूआई नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि खनन नियमों को जबरन थोपा गया, तो क्षेत्र में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होंगी और आम आदमी का जीना मुहाल हो जाएगा।
एनएसयूआई ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक प्रतीकात्मक विरोध नहीं है, बल्कि एक व्यापक जन-आंदोलन की शुरुआत है। आने वाले दिनों में एनएसयूआई आम जनता का समर्थन जुटाने के लिए प्रदेश भर में हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। इसके अलावा गांव-गांव और शहरों में जाकर लोगों को अरावली के महत्व और खनन से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई इस मुद्दे को न केवल सडक़ों पर लड़ेंगे, बल्कि जरूरत पडऩे पर अदालत का दरवाजा भी खटखटाएंगे।
इस अवसर पर इस अवसर पर एनएसयूआई प्रदेश सचिव विकास परमार व निखिल, उमेाश् भारद्वाज, रविंद्र धनाना, रविंद्र कुमार, डा. फूल सिंहध, बलबीर सरोहा रिटायर्ड जीएम, नरेश सरोहा, सन्नी लाठर, विकास परमार, दीपक देशवाल, साहिल ठाकुर, सोनू शर्मा, नितिश काकजल, निखिल लांग्यान, नरेंद्र परमार, दीपक गुलिया, साहिल वालिया, हर्षू गुलिया, प्रवीण बूरा, रवि, रविदास, धीरज, पूजा, मोनिका, प्रियंका भी मौजूद रहे।