किसान व मजदूरों ने अपनी समस्याओं को लेकर लघु सचिवालय पर डाला पड़ाव
भिवानी :
अखिल भारतीय किसान सभा व मजदूर संगठन सीटू भिवानी के आह्वान पर सैंकड़ों किसानों व मजदूरों ने वीरवार को स्थानीय लघु सचिवालय के सामने अपनी समस्याओं को लेकर पड़ाव डाला तथा प्रशासन व राज्य सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के विरोध में एक घंटे तक लघु सचिवालय का घेराव किया।
किसान-मजदूर अपनी समस्याओं को लेकर इतने उग्र व आक्रोशित थे कि पुलिस द्वारा उन्हें शांत करने के लिए काफी जद्दोजहद व मशक्तत करनी पड़ी। कार्यक्रम की अध्यक्षता किसान सभा के जिला प्रधान रामफल देशवाल व सीटू जिला प्रधान कुलदीप बड़वा ने संयुक्त रूप से की। वही मंच संचालन किसान सभा के जिला सचिव मास्टर जगरोशन व सीटू के जिला सचिव अनिल कुमार ने संयुक्त रूप से किया।
उपायुक्त साहिल गुप्ता ने दोनों संगठनों के 11 सदस्य प्रतिनिधि मंडल को बुलाकर बातचीत की तथा गेट पर आकर किसान मजदूरों की समस्यायों के सामाधान का आश्वासन दिया तथा अगले सप्ताह सभी अधिकारियों की बैठक बुलाकर दोनों संगठनों के साथ बातचीत करने का भी आश्वासन दिया।
आक्रोश प्रदर्शन को संबोधित करते हुए किसान सभा के राज्य महासचिव सुमित दलाल, जिला उपप्रधान कामरेड ओमप्रकाश, दयानंद पूनिया व मनरेगा यूनियन नेता उपासना सिंह ने कहा कि इस वर्ष अत्याधिक बारिश होने से ड्रेनें टूटने, ओवरफ्लो होने से जिले के तीन दर्जन गांवों में बाढ़/ जलभराव से खरीफ फसल शत प्रतिशत नष्ट हो गई है।
अभी जलभराव की निकासी नहीं हो रही है, रबी फसल की बुआई भी नहीं हो पाएगी। आज पीडि़त किसान-मजदूर मांग को लेकर आए हैं कि शीघ्र जलभराव निकासी हो, एक लाख रुपये प्रति एकड़ बर्बाद फसलों का शीघ्र मुआवजा देने, मजदूरों को भी मुआवजा मिले, घरों को हुए नुकसान की भरपाई हो, बाजरा, कपास, मूंग व धान की सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद हो, डीएपी/यूरिया खाद मांग के अनुसार मिले, कालाबाजारी पर रोक लगे, बिजली टावरों व तेल पाईप लाइनों का न्यायोचित मुआवजा मिले, बकाया बिजली कन्केशन जारी हो, क्रोप कटिंग में धांधली बंद हो, बाढ़ पीडि़त गांवों में 200 दिन मनरेगा काम 600 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी से तुरन्त लागू हो, 350 करोड़ रुपये बीमा फ्राड की जांच हो, किसानों को ब्याज समेत पूरा पैसा मिले।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने बाढग़्रस्त पंजाब, हिमाचल व उतराखंड को तो बाढ़ राहत की कुछ मदद की है, परन्तु हरियाणा में 31 लाख एकड़ भूमि पर फसल बर्बाद होगी। हजारों गांव डूब गये, परंतु केन्द्र सरकार ने कोई मदद नहीं की। यह भाजपा सरकारों द्वारा किसानों मजदूरों की घोर उपेक्षा का स्पष्ट उदाहरण है।
प्रदर्शन व घेराव को भारतीय किसान यूनियन नैन ग्रुप के जिला प्रधान मेवा सिंह आर्य, युवा कल्याण संगठन के संरक्षक कमल सिंह प्रधान, किसान सभा के जिला कोषाध्यक्ष मास्टर उमराव सिंह, सर्व कर्मचारी संघ के धर्मबीर भाट्टी, मा. शेर सिंह, डा. बलबीर ठाकन, कविता आर्य, किसान सभा की नेत्री संतोष देशवाल, कर्ण सिंह जैनावास, राजेश कुंगड़, सीटू जिला उपप्रधान सुखदेव पालवास, एडवोकेट अशोक आर्य, रामोतार बलियाली, सुमेर सिंह गिगनाऊ, सुरेंद्र राठी शामिल रहे।