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आगजनी से फसलों के नुकसान की भरपाई करेगी सरकार 

 

सरकार अब बढ़ते तापमान के कारण खेतों में होने लगने वाली आग से हुए नुकसान की भरपाई करेगी। प्रभावित किसानों को आगामी फसलों की बुवाई के लिए बीज और खाद में भी मदद की जाएगी, ताकि किसानों को आर्थिक रूप से बोझ न झेलना पड़े। इसके साथ ही क्षतिपूर्ति पोर्टल भी खोल दिया गया है, जिस पर पीड़ित किसान आवेदन कर सकते है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सोमवार को सिविल सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर इस संबंध में आदेश जारी किए। कहा कहा कि प्रदेश सरकार लगातार किसानों के हित में निर्णय ले रही है। हमारी सरकार हर स्थिति में किसानों के साथ खड़ी है।

बता दें कि हरियाणा में बढ़ते तापमान के साथ ही खेतों में आगजनी की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है। छह जिलों सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, कुरुक्षेत्र व कैथल में आगजनी की 48 से ज्यादा छोटी-बड़ी घटनाएं हुईं हैं। सिरसा में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। यहां 250 से ज्यादा एकड़ में फसलें जलने का अनुमान है। इसी को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। इसके अलावा अगले चार से पांच माह में सभी जिलों के DC को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए है। 

सभी DC को अलर्ट रहने की हिदायत हरियाणा में गेहूं की कटाई के कारण खेतों में लगने वाली आग को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। सरकार ने सभी जिलों के डीसी को पत्र भेजा है। इस पत्र में मौजूदा गर्मी और कटाई के मौसम में राज्य भर में आग की घटनाओं को लेकर अपने जिलों में अग्नि सुरक्षा तैयारियों और प्रतिक्रिया तंत्र को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा है कि अग्निशमन ढांचे को बढ़ाने और सभी प्रणालियों को परिचालन तत्परता की स्थिति में बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया गया है।

24 घंटे तैयार रहने को कहा सूत्रों के अनुसार, डीसी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सभी फायर टेंडर, उपकरण और अग्निशमन प्रणालियां पूरी तरह कार्यात्मक हों और चौबीसों घंटे उपलब्ध हों। रात की शिफ्ट और छुट्टियों सहित हर समय पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित अग्निशमन कर्मियों को बनाए रखने पर जोर दिया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि आपातकालीन प्रतिक्रिया में चूक से बचने के लिए ड्यूटी रोस्टर को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए।

हर शुक्रवार को भेजनी होगी रिपोर्ट राजस्व विभाग की ओर से इन निर्देशों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए डीसी को समय-समय पर अग्नि सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने तथा कटाई के मौसम के अंत तक प्रत्येक शुक्रवार को राज्य प्राधिकारियों को विस्तृत साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

एक अधिकारी ने कहा, हाल ही में राज्य के विभिन्न हिस्सों से आग लगने की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिसका मुख्य कारण तापमान में वृद्धि और कृषि क्षेत्रों में सूखे फसल अवशेषों की व्यापक बढ़ोतरी की है।

मौसम विभाग की ओर से जारी किया गया अलर्ट मौसम संबंधी पूर्वानुमानों में पारा के स्तर में और वृद्धि की भविष्यवाणी की गई है, जिससे आग लगने का खतरा बना हुआ है, जिसके कारण तत्काल प्रशासनिक हस्तक्षेप की आवश्यकता है। इसलिए, डीसी को अलर्ट मोड में रहने के लिए कहा गया है।

सरकार ने आग की घटनाओं के मामले में त्वरित और व्यवस्थित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए अंतर-विभागीय समन्वय की आवश्यकता पर भी जोर दिया है। अग्निशमन सेवाओं, पुलिस, कृषि विभाग, आपदा प्रबंधन टीमों और जिला प्रशासन के बीच प्रभावी सहयोग की मांग की गई है।

रेगुलर मॉनिटरिंग की हिदायत दी राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने बताया, डीसी को गांव और ब्लॉक स्तर पर रेगुलर मॉनिटरिंग सिस्टम बनाने का निर्देश दिया गया है, ताकि आग लगने की घटनाओं का शीघ्र पता लगाया जा सके और तुरंत रिपोर्ट की जा सके। विज्ञप्ति में जन जागरूकता और आउटरीच के महत्व पर जोर दिया गया है।

डीसी को निर्देश दिया गया है कि वे ग्रामीण और कृषक समुदायों को लक्षित करके जागरूकता अभियान आयोजित करें, ताकि उन्हें फसल कटाई के दौरान अग्नि सुरक्षा उपायों के बारे में शिक्षित किया जा सके। अधिकारियों का मानना ​​है कि ऐसे अभियान अपरिहार्य घटनाओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कार्रवाई रिपोर्ट नियमित रूप से प्रस्तुत की जानी चाहिए।