छोटी काशी के हनुमान जोहड़ी मंदिर में हुआ विशाल अन्नकूट भंडारा
भिवानी :
छोटी काशी भिवानी के हनुमान जोहड़ी मंदिर में बुधवार को श्रद्धा और भक्ति का अनूठा संगम देखने को मिला। मंदिर परिसर में बुधवार को हवन उपरांत वार्षिक अन्नकूट महोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रदेश का सबसे बड़ा भंडारा आयोजित किया गया, जिसमें 3 हजार लीटर लस्सी और लगभग 5100 किलोग्राम विभिन्न प्रकार का प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरित किया गया।
बुधवार को मंदिर परिसर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्तों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए प्रसाद में कढ़ी, दही बड़े, पूरी, बाजरा, मूंग, ग्वार और अन्य साग-सब्जियों सहित कई पारंपरिक व्यंजन शामिल थे। सबसे खास आकर्षण रहा वह कढ़ी प्रसाद, जिसे बनाने में 25 प्रकार की औषधीय जड़ी-बूटियों का उपयोग किया गया। आयोजकों ने बताया कि यह औषधीय कढ़ी न केवल स्वादिष्ट थी बल्कि स्वास्थ्यवर्धक भी।
इस अवसर पर बालयोगी महंत चरणदास महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए अन्नकूट महोत्सव के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने लोगों को इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए अपनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाया और लोगों की जान बचाई थी।
उसके बाद जश्र के रूप में ग्रामीणों ने अन्नकूट का प्रसाद बांटा। उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अन्नकूट का प्रसाद वितरित किया जाता है। चरणदास महाराज ने कहा कि अन्नकूट पर्व भगवान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का उत्सव है। यह संदेश देता है कि अन्न का सम्मान करें, क्योंकि अन्न ही जीवन का आधार है। जब हम अन्न को प्रसाद के रूप में बांटते हैं, तो समाज में समानता, प्रेम और सहयोग की भावना प्रबल होती है।
महंत चरणदास महाराज ने बताया कि मंदिर समिति द्वारा हर वर्ष यह आयोजन किया जाता है और इसका उद्देश्य समाज में सेवा, भक्ति और समरसता की भावना को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि हनुमान जोहड़ी मंदिर न केवल भक्ति का केंद्र है, बल्कि यह भिवानी के धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन की पहचान बन चुका है।
अन्नकूट महोत्सव के दौरान मंदिर परिसर में भजन-कीर्तन, सत्संग और सामूहिक आरती का भी आयोजन किया गया। हजारों श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण कर आध्यात्मिक आनंद से सराबोर हुए। इस अवसर पर पुजारी ध्यानदास, अमित गोयल, जोगेंद्र शर्मा, विजय सैन, राजीव, जगत राम, शिवकुमार चित्रकार, पवन सैनी, दिलबाग बलकरा, महेंद्र बलकरा, रोहतास बलकरा, वेद प्रकाश मानहेरू, मोहित, जोनी, दिनेश दाधीच, जोनी वर्मा, संजय गुप्ता, बबल सहित अनेक श्रद्धालुगण मौजूद रहे।