एशियन यूथ पैरा गेम्स में मुस्कान ने शॉट पुट व डिस्कस थ्रो में जीते दो कांस्य पदक
भिवानी:
खेल नगरी भिवानी जिसे मिनी क्यूबा के नाम से भी जाना जाता है, की माटी ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेरी है। स्थानीय विद्या नगर निवासी पैरा एथलीट मुस्कान श्योराण ने दुबई में आयोजित एशियन यूथ पैरा गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए दो कांस्य पदक भारत की झोली में डाले हैं। सोमवार को मुस्कान के गृह नगर लौटने पर लोगों ने पलक-पावड़े बिछाकर उनका स्वागत किया और स्थानीय भीम स्टेडियम से लेकर विद्या नगर तक एक भव्य विजयी जुलूस निकाला गया। इसके उपरांत विद्या नगर में क्षेत्रवासियों द्वारा सम्मान किया गया।
बता दे कि दुबई में 7 से 14 दिसंबर तक एशियन यूथ पैरा गेम्स का आयोजन किया गया था। इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में 45 देशों के युवा पैरा एथलीटों ने हिस्सा लिया। मुस्कान श्योराण ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए दो अलग-अलग स्पर्धाओं में मेडल हासिल किए। जिसमें शॉट पुट में कांस्य पदक तथा डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक मुस्कान ने हासिल किया। इस दोहरी सफलता के साथ मुस्कान ने न केवल भिवानी बल्कि पूरे हरियाणा और देश को गौरवान्वित किया है। मुस्कान की यह सफलता रातों-रात नहीं मिली है, बल्कि यह उनकी निरंतर कड़ी मेहनत का परिणाम है। इससे पूर्व इसी वर्ष 2025 में ग्वालियर (मध्य प्रदेश) में आयोजित नेशनल पैरा गेम्स में भी शॉट पुट और डिस्कस थ्रो, दोनों ही स्पर्धाओं में दो स्वर्ण पदक जीतकर अपनी श्रेष्ठता साबित की थी। इसके अलावा वे खेलो इंडिया खेलो इंंडिया-2025 में गोल्ड मैडल, नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2025 में गोल्ड मैडल तथा नेशनल एथलेटिक्स चैंपियनशिप-2024 में भी गोल्ड मैडल हासिल कर चुकी है।
इस मौके पर मौजूद खेल डीपीई बलवान ने कहा कि मुस्कान की यह जीत उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन का परिणाम है। शारीरिक चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए उसने खेल के मैदान में जो जज्बा दिखाया है, वह काबिले तारीफ है। पहले ग्वालियर में नेशनल गोल्ड और अब दुबई में एशियन यूथ गेम्स में दो मेडल जीतना यह साबित करता है कि मुस्कान का भविष्य उज्ज्वल है। यह बेटी आने वाले समय में पैरा ओलंपिक जैसे बड़े मंचों पर भी देश का नाम रोशन करेगी। वही मुस्कान के पिता रमेश श्योराण व माता बाला देवी ने भी अपनी बेटी की उपलब्धि पर गर्व जताया तथा कहा कि उन्हे पूरा विश्वास है कि वे भविष्य में भी इसी प्रकार से अपनी खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करेगी। वही मुस्कान के दादा धन्नाराम जेलदार ने कहा कि मुस्कान श्योराण की यह उपलब्धि भिवानी की खेल परंपरा में एक और सुनहरा अध्याय है। उनका यह सफर क्षेत्र के अन्य दिव्यांग बच्चों और युवा खिलाडिय़ों के लिए एक बड़ी प्रेरणा बनकर उभरा है कि अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता।
इस अधिवक्ता राकेश नेहरा, अधिवक्ता संजीव श्योराण, डा. रामलाल मुंड, डा. विजय सनसनवाल, डा. जयपाल, डा. नरेंद्र देशवाल, देवेंद्र नकीपुर, राजेश बड़ेसरा, लाजपत जाखड़, कृष्ण लांबा, दीपक लौर, राजेश सांगवान, खेताराम घणघस, अधिवक्ता अजय यादव, अधिवक्ता मोहर सिंह, अनुप बड़ेसरा, रूपेंद्र पटौदी, अजय श्योराण, संजय श्योराण सहित अन्य खेलप्रेमी मौजूद रहे।