2200 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर अमरनाथ से कावड़ लेकर पहुंचे नरेंद्र यादव का हुआ स्वागत
भिवानी :
जिला के गांव नंदगांव निवासी 53 वर्षीय साइकिलिस्ट नरेंद्र यादव ने पर्यावरण संरक्षण और मानव कल्याण का संदेश देते हुए एक अनूठी मिसाल कायम की है।
उन्होंने करीबन 2200 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर अमरनाथ यात्रा से कांवड़ लाकर अपने इस मिशन को और मजबूत किया है। उनकी इस असाधारण यात्रा के बाद गांव बापोड़ा-दिनोद-देवसर लिंक रोड़ पर स्थित आटे वाला नीम पर आयोजित शिविर में श्रद्धालुओं ने उनका भव्य स्वागत किया।
बता दे कि एक माह की साइकिल यात्रा के बाद कांवड़ लेकर अपने पैतृक गांव नंदगांव पहुंचे नरेंद्र यादव अब तक लगभग 20 हजार किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर चुके हैं. अपनी इन यात्राओं के माध्यम से वे लगातार पर्यावरण संरक्षण और आपसी भाईचारे का संदेश जन-जन तक पहुंचा रहे हैं।
गांव बापोड़ा-दिनोद-देवसर लिंक रोड़ पर स्थित आटे वाला नीम पर बाबा आटे वाला नीम शिव मंदिर में वर्ष 2001 से निरंतर कावड़ शिविर लगाए जाते है, जिसमें हर वर्ष 400 से 500 कावडिय़े यहां से गुजरते है। नरेंद्र यादव का स्वागत करते हुए पप्पू पिपोसिया, ऋषि शर्मा, सतीश एडवोकेट, भीम मिस्त्री दिनोद व बापोड़ा के अनेक ग्रामीण मौजूद रहे।
उन्होंने कहा कि नरेंद्र यादव एक सच्चे पर्यावरण प्रहरी के रूप में उभरे हैं, जो अपनी शारीरिक क्षमता और दृढ़ संकल्प का उपयोग समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कर रहे है। उनकी यह पहल निश्चित रूप से दूसरों को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक होने और सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए प्रेरित करेगी।
वही अमरनाथ से कावड़ लेकर पहुंचे साईकलिस्ट नरेंद्र यादव ने बताया कि एक व्यक्ति अपने जीवन में 15 पेड़ों की लकड़ी को कम से कम खर्च करता है।
ऐसे में उसका दायित्व भी बनता है कि वह अधिक से अधिक पेड़ लगाएं, ताकि हमारा पर्यावरण व प्रकृति संरक्षित रह सकें। इसी उद्देश्य से वे पिछले 9 वर्षो के दौरान विभिन्न साईकिल यात्राएं कर लोगों को संदेश देते है। उन्होंने बताया कि अब तक वे कश्मीर से कन्याकुमारी, नंदगांव से बाघा बॉर्डर, भिवानी से नेपाल के काठमांडू, द्वारका, पोरबंदर, सोमनाथ, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, वाराणसी, कोलकत्ता, जगन्नाथपुरी, गंगासागर सहित चारों धामों की यात्रा पूरी कर चुके है। वे पर्यावरण व भाईचारे का संदेश देने के साथ ही शरीरदान की बात भी कहते है कि उन्होंने अपना भी शरीरदान करवाया हुआ है।