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कृषि विभाग के स्टैनोग्राफर संदीप कुमार ने पेश की नजीर

 

भिवानी :

आज के दौर में जहां शादियो में दिखावा और दहेज का बोलबाला है, वहीं भिवानी जिले के गांव छपार के निवासी संदीप कुमार ने समाज के सामने एक अनूठी मिसाल पेश की है।

भिवानी के कृषि विभाग में बतौर स्टैनोग्राफर कार्यरत संदीप ने बिना दहेज शादी कर युवाओं को एक नई दिशा दिखाई है। उन्होंने शगुन के तौर पर मात्र एक रुपया और नारियल स्वीकार कर सादगी से विवाह संपन्न किया।
      बता दे कि संदीप कुमार का विवाह गांव बलकरा निवासी कुसुम लता के साथ तय हुआ था। शादी की रस्में शुरू होने के दौरान वधू पक्ष (ससुराल) की ओर से संदीप को दहेज देने का प्रस्ताव रखा गया।

एक शिक्षित और जागरूक युवा की भूमिका निभाते हुए संदीप ने विनम्रतापूर्वक दहेज लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे दहेज के सख्त खिलाफ हैं। संदीप ने पुरानी रूढिय़ों को तोड़ते हुए शगुन के रूप में केवल एक रुपया और नारियल स्वीकार किया और कुसुमलता को अपनी अर्धांगिनी बनाया।
     इस सराहनीय कदम के पीछे की प्रेरणा के बारे में बात करते हुए संदीप ने बताया कि उन्हें यह संस्कार अपने बड़े भाई सुनील शर्मा से मिले हैं। उनके भाई सुनील शर्मा हरियाणा विधानसभा में रिपोर्टर के पद पर तैनात हैं और वे हमेशा सामाजिक मूल्यों और नैतिकता की बात करते हैं।

भाई की इसी प्रेरणा ने संदीप को यह साहसिक फैसला लेने का हौसला दिया।
     संदीप के इस फैसले में उनके परिवार का भी पूरा सहयोग रहा। उनके पिता ओमप्रकाश शर्मा और माता सावित्री देवी ने अपने बेटे की इस पहल का ना केवल स्वागत किया, बल्कि इसे समाज के लिए जरूरी कदम बताया। परिजनों का कहना है कि अगर युवा पीढ़ी इसी तरह जागरूक हो जाए, तो समाज से दहेज जैसी कुरीति को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
     स्टैनोग्राफर संदीप कुमार की यह शादी पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।

उन्होंने साबित कर दिया है कि एक सरकारी पद पर रहते हुए और सक्षम होते हुए भी सादगी अपनाना ही असली बड़प्पन है। उनकी यह पहल अन्य युवाओं को भी बिना दहेज शादी करने के लिए प्रेरित करेगी।