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 डिग्री बहाली की माँग को लेकर छात्रों का धरना 

 

डिग्री को डिप्लोमा में बदलना केवल एक प्रशासनिक भूल नहीं बल्कि छात्रों की मेहनत, सपनों और करियर के साथ खुला खिलवाड़ है - सुमित बराड़

चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, भिवानी में समाज कार्य और पत्रकारिता की स्नातकोतर डिग्री को डिप्लोमा में परिवर्तित किए जाने के विरोध में आज सोशियोलॉजी व सोशल साइंसेज विभाग और पत्रकारिता विभाग के छात्रों ने छात्र नेता सुमित बराड़ के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के गेट के बाहर एकजुट होकर ज़ोरदार धरना प्रदर्शन किया।

छात्र नेता सुमित बराड़ ने कहा कि विद्यार्थियों ने समाज कार्य को इसलिए चुना क्योंकि यह हमें समाज के प्रति ज़िम्मेदारी निभाना सिखाता है और रोजगार की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस के बाद देश विदेश में रोजगार के अनेक अवसर खुलते हैं, वही पत्रकारिता की डिग्री के बाद अनेक संस्थानों में रोजगार के अनेकों अवसर खुलते हैं, लेकिन आज ये दोनों डिग्री प्रशासन की नीतिगत लापरवाही का शिकार है।

जिसका खामियाजा सीधे तौर पर विद्यार्थियों को भुगतना पड़ रहा है, क्यों कि डिप्लोमा के आधार पर कोई रोजगार उपलब्ध नहीं है। डिग्री को डिप्लोमा में बदलना केवल एक प्रशासनिक भूल नहीं बल्कि छात्रों की मेहनत, सपनों और करियर के साथ खुला खिलवाड़ है। दोनों विषय में से कोई भी विषय साधारण विषय नहीं है, ये दोनों विषय समाज और मानवता के निर्माण की शिक्षा है, और इन्हें कमजोर करना समाज के मूल्यों पर चोट है। विश्वविद्यालय का ये कदम विद्यार्थियों के भविष्य को गर्त में में धकेलेगा।

छात्र नेता प्रवीण बुरा ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को अब यह समझ लेना चाहिए कि छात्रों का धैर्य जवाब दे चुका है। अगर हमारी मांगें शीघ्र नहीं मानी गईं, तो यह आंदोलन विश्वविद्यालय की चारदीवारी से निकलकर राज्यव्यापी आंदोलन का रूप लेगा। हम प्रदेश भर के समाज कार्य और पत्रकारिता के छात्रों और सामाजिक संगठनों को साथ लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ बड़ा संघर्ष छेड़ेंगे।

छात्र नेता मनोज ग्रेवाल ने कहा कि पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, और इस विषय को डिप्लोमा में बदलना लोकतंत्र के बुनियादी मूल्यों का अपमान है। यह सिर्फ एक कोर्स नहीं, अभिव्यक्ति की आज़ादी की शिक्षा है।

छात्र नेता युवराज बराड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अगर छात्रों की आवाज़ नहीं सुनेगा, तो आने वाले समय में संपूर्ण छात्र समुदाय एक साथ मिलकर बड़ा आंदोलन करेगा। हमारी चुप्पी को प्रशासन हमारी कमजोरी न समझे।

इनसो से नितिन सैन ने कहा कि समाज कार्य और पत्रकारिता को पुनः डिग्री के रूप में बहाल किया जाए अन्यथा हमें एक विशाल आंदोलन करना पड़ेगा। 

इस धरने को सर्व छात्र संगठन ने समर्थन दिया, और आगामी लड़ाई के लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की बात कही। धरने में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। छात्रों ने चेतावनी दी कि यदि 3 दिनों के भीतर विश्वविद्यालय प्रशासन ने स्पष्ट निर्णय नहीं लिया, तो अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा। आज के धरने में सेठी धनाना, अपूर्व यादव, रवि जताई, नवनीत शर्मा, अजय, वसुधा, नीतिका, मनीष चांगिया, अभिषेक, कर्ण और राहुल मुख्य रूप से मौजूद रहे।