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यहां बनेगा देश का पहला Digital Highway, कई जिलों को होगा जबरदस्त फायदा, जानें सरकार का मास्टर प्लान

 

Digital Highway: उत्तर प्रदेश में लोगों को बेहतर रोड कनेक्टिविटी देने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। एक्सप्रेसवे के विस्तार के बाद अब हाईवे को स्मार्ट और डिजिटल बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। प्रदेश के पहले डिजिटल हाईवे की प्लानिंग तैयार कर ली गई है। यूपी का पहला डिजिटल हाईवे बाराबंकी से बहराइच के बीच बनाया जाएगा। 

बाराबंकी से बहराइच के बीच 101 किलोमीटर लंबा पहला डिजिटल हाईवे बनने जा रहा है। इस हाईवे के निर्माण से बाराबंकी, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर जिलों के यात्रियों को बड़ा फायदा मिलेगा। इसके अलावा, नेपाल जाने वाले यात्रियों के लिए भी यह हाईवे यात्रा को सरल बनाएगा।

इस हाईवे पर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई जाएगी, जिससे 24 घंटे बेहतर नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध रहेगी। साथ ही, वाहन चालकों की सुरक्षा के लिए हाईवे पर एनपीआर (नेशनल परमिट रजिस्टर) कैमरे लगाए जाएंगे। इससे हाईवे पर निगरानी मजबूत होगी और दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी।

निर्माण कार्य की योजना
बाराबंकी से बहराइच के बीच बनने वाले इस हाईवे का निर्माण कार्य अब अगले वित्तीय वर्ष में शुरू किया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इस परियोजना के पहले चरण के लिए 31 मार्च 2025 तक टेंडर की समय सीमा बढ़ा दी है।

इससे पहले टेंडर प्रक्रिया की अंतिम तिथि 6 मार्च 2025 थी, लेकिन पर्याप्त कंपनियों के भाग न लेने के कारण इसे आगे बढ़ाया गया है।

परियोजना को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा,

पहला चरण
बाराबंकी से जरवल तक 51 किलोमीटर का हाईवे बनाया जाएगा।
इस चरण के लिए केंद्र सरकार ने ₹975 करोड़ की राशि जारी कर दी है।

दूसरा चरण
इस चरण में घाघरा नदी पर एक किलोमीटर लंबा पुल बनाया जाएगा।

तीसरा चरण
जरवल से बहराइच तक 49 किलोमीटर के हाईवे का निर्माण किया जाएगा।
इस पूरे प्रोजेक्ट पर कुल ₹2,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

यात्रियों को मिलेगा सीधा लाभ
इस हाईवे के निर्माण के बाद बाराबंकी, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर के लोगों को यात्रा में आसानी होगी। साथ ही नेपाल जाने वाले यात्रियों को सुगम मार्ग मिलेगा।

24 घंटे नेटवर्क कनेक्टिविटी से यात्रियों को यात्रा के दौरान बेहतर सुविधा मिलेगी। इसके अलावा इन हाईवे पर सुरक्षा के लिए NPR कैमरों के साथ-साथ रोशनी की भी पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।

टेंडर की प्रक्रिया आगे बढ़ने के बाद अब इस हाईवे का निर्माण कार्य अगले वित्तीय वर्ष में शुरू होने की उम्मीद है। यह हाईवे उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को और अधिक सशक्त बनाएगा।