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माकपा व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भिवानी उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

 

भिवानी :

माक्र्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भिवानी कमेटियों ने अमेरिकी इशारे पर इजराईल द्वारा आक्रामक रूप से फिलिस्तिनियों के नरसंहार व ईरान पर हो रहे हमलों के विरोध में स्थानीय लघु सचिवालय के समक्ष प्रदर्शन किया तथा इजराईल के हमले बंद करवाने हेतु उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। उपायुक्त की ओर से ज्ञापन लेने समाज कल्याण विभाग के अधिकारी देवेद्र कुमार पहुंचे। प्रदर्शन की अध्यक्षता सीपीएम जिला सचिव मंडल सदस्य सुखदेव पालवास व सीपीआई जिला संयोजक फूलसिंह इंदौरा ने संयुक्त रूप से की।
     प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीपीआईएम के जिला सचिव कामरेड ओमप्रकाश, सचिव मंडल सदस्य कामरेड अनिल कुमार व महिला नेत्री संतोष देशवाल ने कहा कि मौजूदा दौर में चल रहे इजराईल सैन्य अभियान फिलिस्तीन की जनता पर 20 महीने से कहर बरसा रहा है और 55 हजार नागरिकों को मौत के घाट उतार दिया गया, जिनमें बच्चे, वृद्ध और महिलाएं बड़ी संख्या में है। उन्होंने कहा कि इजराईल अमेरिकी इशारे पर फिलिस्तीन  नागरिक बस्तियों, हस्पतालों व स्कूलों में जान-बूझकर मिसाईल हमले करके फिलिस्तीनियों की पीढ़ी को खत्म करने पर उतारू है। वह संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति प्रस्तावों का घोर उल्लंघन करके घिनौना मानवता विरोधी अनैतिक कार्य कर रहा है तथा वह यह कुकर्त्य अमेरिको की प्रत्यक्ष व परोक्ष समर्थन से कर रहा है।
    उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य पूर्ण है कि भारत सरकार हमारी पुरानी विदेशी नीति को छोडक़र पीडि़त फिलिस्तीनी जनता की मदद करने की बजाय इजराइल का साथ दे रही है। इसी तरह इजराइल ने ईरान पर एक तरफा हमला करके वहां के सेना के कुछ उच्च अधिकारियों व परमाणु वैज्ञानिकों को मौत के घाट उतार दिया। अधिकारित अमेरिकी घोषणाओं के बावजूद यह स्पष्ट है कि ऐसा आप्रेशन अमेरिका के मौन या प्रत्यक्ष समर्थन के बिना संभव नहीं है। दोनों वामपंथी पार्टियों ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया है कि वे भारत सरकार को निर्देश दें कि वह पश्चिम एशिया में  शांति रखने व इजराइल की आक्रामक नीति व युद्ध को समाप्त करने के लिए अपनी हस्तक्षेपकारी भूमिका निभाए। उन्होंने मांग की है कि भारत पहले परंपरागत विदेश नीति को जारी रखते हुए फिलिस्तिनियों के नरसंहार को रूकवाते हुए यूक्रेन युद्ध को समाप्त करवाए तथा ईरान पर किए जा रहे हमलों पर रोक लगवाए, क्योंकि इस हमले से भारत के हित कुप्रभावित होंगे, तेल मंहगा होने से महंगाई ब बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि भारत की यह क्षमता भी है कि व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर युद्ध रूकवाने व शांति स्थापित करवाने में अहम रोल अदा कर सकता है, ताकि तीसरे विश्व युद्ध की नौबत ना आए।
     इस अवसर पर माकपा नेता सज्जन कुमार सिंगला, चंद्रभान नाहलिया, रतन कुमार जिंदल, नरेश शर्मा, रणधीर कुंगड़, राजकुमार घिकाड़ा, अनुराग, उपासना सिंह, रिटायर्ड कर्मचारी नेता राजबीर कादियान, महेद्र मिताथल, फतेह सिंह श्योराण, महेंद्र प्रजापति, राजा राम, फूलचंद, मास्टर चांदीराम, बलजीत मिताथल, किसान नेता प्रताप सिंह सिंहमार, महाबीर फौजी, धन सिंह ग्रेवाल, बलजीत मोखरा, तोशाम से आजाद अली, पुरूषोतम शर्मा, महाबीर शर्मा, डा. अनंतकोर सहित दर्जनों नागरिक शामिल रहे।