भिवानी में हड़ताल से यातायात और बैंक ठप, रोडवेज बस नहीं चलने से यात्री परेशान
भिवानी जिले में बुधवार को केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल रहीं। इस दौरान रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के चलते कई बसें नहीं चली।
जिसके कारण यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं यात्री भी प्राइवेट वाहनों में बैठकर सफर करने पर मजबूर हुए। वहीं बैंक कर्मचारियों की हड़ताल के चलते ग्राहकों के काम नहीं बने और उन्हें नाखुश होकर वापस लौटना पड़ा।
साथ ही चेतावनी दी कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन व हड़ताल करेंगे।
सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए सर्व कर्मचारी संघ और सीटू के संयुक्त कर्मचारी विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। बता दे कि ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल आज पूरे देश में भर में की गई।
इन विभागों के कर्मचारी रहे शामिल
हड़ताल में बीएंडआर, हरियाणा टूरिज्म, सिंचाई, नगरपालिका, बिजली निगम, मिड-डे-मील वर्कर, बैंक कर्मचारी, रोडवेज, आईटीआई, शिक्षा बोर्ड भिवानी, नगर पालिका के कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
सीटू के सचिव सुखबीर सिंह प्रभात, सर्वकर्मचारी के राज्य कोषाध्यक्ष सुखदर्शन सरोहा व जिला प्रधान सूरजभान जटासरा, सुखदेव पालवास व जिला सचिव सुमेर सिंह आर्य ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार लगातार मंहगाई बढ़ाकर गरीब आदमी को भूखा मरने पर मजबूर कर रही है।
भाजपा सरकार मजदूरों को कॉर्पोरेट गुलाम बना रही
उन्होंने कहा कि पूंजीपतियों को टैक्स में भारी छूट दे रही है। जिसके विरोध में आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल असर देश भर में देखने को मिला। केंद्र की भाजपा सरकार मजदूरों को कार्पोरेट का गुलाम बना रही है। मजदूरों द्वारा संघर्ष के बल पर हासिल किए गए 44 श्रम कानूनों को चार कोड में बदल कर मजदूरों के खिलाफ और कारपोरेट के पक्ष में सुधार के नाम पर लागू किए जा रहे हैं।
सुधार के नाम पर श्रम कानून बदलना बंद किया जाए।
आठवां वेतन आयोग का गठन करें
उन्होंने कहा कि सभी उद्योगों और सरकारी क्षेत्र में श्रम कानून शक्ति से लागू किए जाए, आउट सोर्स, ठेका प्रथा एवं कौशल रोजगार बंद करते हुए सभी कच्चे कर्मचारियों, परियोजना वर्करों आशा, मीड डे मील, आंगनवाड़ी एवं क्रैच वर्करों को पक्का किया जाए तब तक न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए लागू किया जाए, सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाए, निकाले गए कर्मचारियों को ड्यूटी पर बहाल किया जाए।
पुरानी पेंशन बहाल की जाए, आठवां वेतन आयोग का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने कर्मचारियों की मांग नहीं मानी तो देश में बड़ा प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।