महेंद्रगढ़।
स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट हैक कर जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र बनाने के मामले में जिला पुलिस द्वारा गिरोह के एक और सदस्य को गिरफ्तार किया है। इससे पहले दस को गिरफ्तार किया जा चुका है। पुलिस ने गिरोह में शामिल सदस्य बिहार के एक युवक को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपित को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस द्वारा आरोपित से पूछताछ की जा रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि हैकर्स उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हरियाणा सहित देश के विभिन्न राज्यों में जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र बनाने का अवैध धंधा करते थे। प्रमाण पत्र बनाने की एवज में एक हजार रुपये से बारह सौ रुपये तक ले लेते थे। देशभर में इस तरह के हजारों प्रमाण पत्र बनाए जा चुके थे। एसपी ने मामले को संज्ञान में लेते हुए मामले में एसआईटी की टीम गठित की और टीम को जल्द से जल्द कार्रवाई करते हुए आरोपितों को पकड़ने के निर्देश दिए। एसआईटी की टीम द्वारा मामले की गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है। इन साइबर बदमाशों का जाल पूरे देश में बड़े नेटवर्क पर फैला हुआ था।
मुख्य सरगना वाराणसी का रहने वाला मुख्य सरगना वाराणसी का रहने वाला है और उसने वेबसाइट हैक कर खुद को नेशनल एडमिन बनाया हुआ था। इससे वह हर राज्य के गिरोह के सदस्यों को पैसों के बदले में लॉगइन आइडी व पासवर्ड मुहैया करवाता था। लॉगइन आईडी मिलने के बाद संबंधित राज्य के सदस्य अपने-अपने एरिया में प्रमाण पत्र बनाने का कारोबार करने में जुट जाते थे। जांच में यह भी पता लगा है कि गिरफ्तार किए गए आरोपित सीएससी सेंटर संचालन का कार्य भी करते थे और इसी वजह से सरकारी वेबसाइटों की सीआरएस आईडी की खामियों से परिचित थे। इसका फायदा उठाकर उन्होंने वेबसाइट को हैक कर लिया था। साइट हैक होने का पता पहली बार अगस्त 2021 में चला था, जब महेंद्रगढ़ के नागरिक अस्पताल की रजिस्ट्रार ने जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रेशन की एप्लीकेशन के निपटारण के लिए सीआरएस पोर्टल पर आईडी को लॉगइन किया। इस दौरान उनके स्क्रीन पर यूजर आईडी पासवर्ड गलत होने का मैसेज आया। उन्होंने जांच की तो पता चला कि उनकी लॉग इन आईडी हैक कर 147 जन्म और 21 मृत्यु प्रमाण पत्र बना लिए गए। उन्होंने इसकी शिकायत महेंद्रगढ़ पुलिस थाने में दर्ज करवाई।
कई जगह से बदमाश गिरफ्तार इस पर एसपी चंद्रमोहन ने एएसपी सिद्धांत जैन की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई। टीम ने मामले की तह तक जाने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए बदमाशों को सलाखों के पीछे पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है। इस मामले में एसआईटी की टीम ने कार्रवाई करते हुए पटौदी, कैथल, जींद, बरेली, आगरा, लखनऊ, वाराणसी अलग-अलग जगहों से बदमाशों को गिरफ्तार कर गिरोह के नेटवर्क का पता लगाया। जिनसे बरामद उपकरणों की जांच करने पर हजारों जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्रों का रिकार्ड मिला था। गिरोह के सरगना ने साइट हैक कर खुद को नेशनल एडमिन बनाया हुआ था, जिसे एसआईटी ने छापा मारकर बनारस से गिरफ्तार किया था। जिससे बरामद उपकरणों की जांच करने पर उतरप्रदेश, झारखंड, बिहार, जम्मू-कश्मीर, पंजाब सहित अन्य राज्यों के प्रमाण पत्रों का रिकार्ड मिला था। इससे खुलासा हुआ था कि इस गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में फैला हुआ था।
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