भिवानी।
बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के चलते शहरी स्थानीय प्रशासन ने कूड़ा-कचरे में आग लगाने वालों में कार्रवाई एकाएक तेज कर दी है। वीरवार को नगर परिषद अधिकारियों ने शहर में अभियान चलाया और दुकानों के सामने कचरे में आग लगाने वालों के चालान काटे। इसके साथ ही नगर परिषद अधिकारियों ने बाजार में दुकानदारों से अपील करते हुए कहा कि वे किसी भी कीमत पर कचरे में आग न लगाएं।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र व आसपास जिलों में लगातार बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के चलते जिलाधीश नरेश नरवाल द्वारा जिला में धारा 144 लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मौसम विज्ञान विभाग और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में प्रतिकूल मौसम और जलवायु संबंधी परिस्थितियों के कारण हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में पहुंच सकती है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार के निर्देशानुसार वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ( सीएक्यूएम) ने अधिकारियों को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रीप) के उपायों के चरणोंनुसार को लागू करने का निर्देश जारी किए है। केंद्र सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण-चतुर्थ को लागू कर दिया है।
केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ओर से भिवानी सहित एनसीआर क्षेत्र में लागू किए गए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के निर्देश जारी किए हैं। केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की ओर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आने वाले भिवानी सहित अन्य जिलों में बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए नवीनतम आदेश जारी किए हैं।
जिलाधीश द्वारा अधिकारियों को दिए जा चुके हैं कार्रवाई के आदेश
बढ़ते पर्यावरण पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सरकारों को ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार व एनजीटी के निर्देशानुसार जिलाधीश नरेश नरवाल ने सभी एसडीएम, शहरी स्थानीय निकाय के अधिकारियों, एसएसआईआईडीसी, खनन, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पुलिस, यातायात पुलिस, प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, श्रम विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, परिवहन, एनएचएआई सहित संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे जिला में भवन निर्माण स्थलों व औद्योगिक इकाइयों का नियमित रूप से निरीक्षण करें। यदि कहीं पर एनजीटी के आदेशों की अवहेलना होती है तो उन पर नियमानुसार कार्रवाई करें। उपायुक्त द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि निर्माणाधीन साइट पर एंटी वाटर गन व स्प्रिंकलर लगे हों। एनएचएआई के अधिकारियों को सडक़ों पर धूल-मिट्टïी को उडऩे से रोकने के पानी का छिडक़ाव कराने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा औद्योगिक इकाईयां निर्माण कराते समय वाटर स्प्रिंकलर सिस्टम का प्रयोग करें।
कचरे में आग लगाई तो कटेंगे चालान
जिलाधीश नरवाल के आदेशानुसार नगर परिषद कार्यकारी अभियंता अभय सिंह यादव और सफाई निरीक्षक विकास देसवाल ने शहर में चैकिंग अभियान चलाया। इस दौरान उन्होंने दुकानों के सामने कचरे में आग लगाने वालों के चालान काटे। इसके साथ ही उन्होंने दुकानदारों से अपील करते हुए कहा कि दुकानों या अन्य प्रतिष्ठानों से निकलने वाले कचरे को नगर परिषद के आटो टिपर या अन्य कचरा कलेक्शन वाहन में डालें। जगह-जगह कचरा एकत्रित न करें और कचरे में आग न लगाएं। कचरे में आग लगाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। धुंए का आमजन के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। बुजुर्गों, बच्चों व सांस के मरीजों को भारी परेशानी होती है।
इस प्रकार होता है एक्यूआई स्तर
पहला चरण: खराब (एक्यूआई 201 से 300 तक)अनुमानित क्रमश:
दूसरा चरण: बेहद खराब (एक्यूआई 301 से 400 तक)
तीसरा चरण: गंभीर (एक्यूआई 401 से 450 तक)
चौथा चरण: इमरजेंसी (एक्यूआई 450 से अधिक)
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के साथ-साथ पड़ोसी प्रांतों में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसमें हमारा जिला भी अछूता नहीं है। सर्वोच्च न्यायालय, सरकार व एनजीटी द्वारा प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। सभी के सहयोग से पर्यावरण प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सकता है। शहरवासियों से अपील है कि वे कूड़े-कचरे में आग न लगाएं। शहर और पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सभी की जिम्मेदारी है।– अनुपमा अंजलि, डीएमसी भिवानी।
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