भिवानी: ई-टैंडरिंग प्रक्रिया के पक्ष में उतरी पूर्व पंचायत समिति सदस्य

150
SHARE

भिवानी:

एक तरफ जहां सरपंच प्रदेश के विभिन्न जिलों में धरने पर बैठकर ई-टैंडरिंग प्रक्रिया का विरोध जा रहे है तथा इस प्रक्रिया को विकास कार्यो का रोड़ा बता रहे है। वही दूसरी तरफ पूर्व पंचायत समिति ई-टैंडरिंग प्रक्रिया के पक्ष में उतरी है तथा यह प्रक्रिया लागू करने पर प्रदेश सरकार व पंचायत मंत्री का आभार जता रही है। इसी कड़ी में रविवार को पूर्व पंचायत समिति सदस्य संतोष देवी ने ई-टैंडरिंग प्रक्रिया जल्द से जल्द पूर्ण रूप से लागू करने की मांग को लेकर पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली को मांगपत्र सौंपा। मांगपत्र के माध्यम से संतोष देवी ने कहा कि ई-टैंडरिंग प्रक्रिया पूर्ण रूप से लागू होने पर एक तरफ जहां कार्यो में पारदर्शिता आएगी, वही दूसरी तरफ भाई-भतीजावाद पर भी लगाने कंसी जा सकेंगी। इसीलिए भ्रष्टाचार को रोकने व ग्रामीण विकास के लिए ई-टैंडरिंग प्रक्रिया समय की मांग है।
बिना ई-टैडरिंग के जनप्रतिनिधि करते थे विकास कार्यो में मनमानी
पूर्व पंचायत समिति सदस्य संतोष देवी ने कहा कि ई-टैंडरिंग प्रणाली ना होने से जनप्रतिनिधि पूरी तरह से अपनी मनमानी करते है तथा अपने हिसाब से कार्य करवाने पर जोर देते थे। लेकिन ई-टैंडरिंग प्रक्रिया लागू होने से जनप्रतिनिधियो की मनमानी पर रोक लगेगी तथा समान रूप से विकास कार्य होंगे।
ई-टैंडरिंग प्रक्रिया से पुरानी ईंट व ब्लॉक होगा पूरा हिसाब-किताब
संतोष देवी ने कहा कि पहले गांव में जब भी कोई गली का निर्माण होता था तो उखाड़ी गई ब्लॉक या मैटीरियल का कोई हिसाब नहीं होता था। जिसके चलते जमकर भ्रष्टाचार किया जाता था। लेकिन अब ई-टैंडरिंग प्रक्रिया से गलियों से उखाड़ी गई पुरानी ब्लॉक व मैटीरियल का पूरा हिसाब-किताब रखा जा सकेगा, जिसके कारण कार्य में पारदर्शिता में आएगी।

एक योजना में एक ही बार बनेंगी गलियां
पूर्व पंचायत समिति सदस्य संतोष देवी ने कहा कि ई-टैंडरिंग प्रक्रिया से पहले भ्रष्टाचार का पूरी तरह से बोलबाला था तथा जनप्रतिनिधियों द्वारा निजी फायदे के लिए एक ही गली को कई बार प्रस्ताव पास करवाए जाते थे। लेकिन ई-टैंडरिंग प्रक्रिया लागू होने के बाद ऐसे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी तथा जनता के टैक्स का पैसा सही मायनों में ग्रामीणों के विकास में लग पाएगा।
सभी वार्डो में पंचों के हिसाब से हो पाएंगे काम
संतोष देवी ने कहा कि ई-टैंडरिंग प्रक्रिया से जनप्रतिनिधियों की मनमानी पर पूरी तरह से रोक लग पाएगी। क्योंकि पहले जनप्रतिनिधि अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए विकास कार्य करवाते थे, जबकि अन्य लोग कार्यो से महरूम थे। लेकिन ई-टैंडरिंग प्रक्रिया से विकास कार्यो का पूरा खाका ऑनलाईन होगा तथा समान रूप से काम हो पाएगी, जिससे भाई-भतीजावाद पर पूरी तरह से रोक लगेगी।

अपने आस-पास की खबरे देखने के लिए हमारा youtube चैनल Subscribe करेSubscribe करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे https://www.youtube.com/bhiwanihulchal