भिवानी।
चरखी दादरी जिले के गांव पैंतावास खुर्द जो वर्तमान में भिवानी के सेक्टर 23 निवासी पूर्व सैनिक श्रीपाल यादव ने राजस्थान के थार रेगिस्तान में आयोजित बॉर्डर 100 अल्ट्रा मैराथन में अपनी असाधारण साहस और सहनशीलता का परिचय दिया। 100 किलोमीटर की इस कठिन दौड़ को पूरा करते हुए उन्होंने लोंगेवाला की ऐतिहासिक लड़ाई में शहीद हुए भारतीय सैनिकों को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की।
बता दें कि बॉर्डर 100 अल्ट्रा मैराथन जो जैसलमेर से शुरू होकर भारत, पाक सीमा तक जाती है न केवल एक शारीरिक चुनौती है बल्कि यह भारतीय सैनिकों की वीरता और बलिदान की याद दिलाने का भी एक सशक्त तरीका है। यह दौड़ लोंगेवाला की लड़ाई के शहीद सैनिकों की याद में आयोजित की जाती है, जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाकर दुश्मन के हमले को नाकाम किया था। श्रीपाल यादव ने इस दौड़ को पूरा करके न केवल अपनी शारीरिक क्षमताओं को परखा बल्कि उन वीरों की याद भी ताजा की जिन्होंने देश की रक्षा में अपनी जान दी।
यह दौड़ विशेष रूप से कठिन थी क्योंकि इसमें जैसलमेर की ठंडी रात में 40 किलोमीटर की दूरी तो इन्होंने सिर्फ स्वेटर और टी. शर्ट पहनकर पूरी की। इस कठिन परिस्थितियों में भी श्रीपाल यादव ने अपने साहस और आत्मविश्वास से यह साबित किया कि कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अगर संकल्प मजबूत हो तो कोई भी चुनौती बड़ी नहीं होती।
पूर्व सैनिक श्रीपाल यादव की यह जीत न केवल उनके व्यक्तिगत साहस का प्रतीक है बल्कि यह समाज के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत भी है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि यदि किसी में संकल्प और मेहनत हो तो वह किसी भी चुनौती को पार कर सकता है। उनका यह कदम हमारे समाज को यह संदेश देता है कि हमें अपने जीवन में साहस समर्पण और कठिन परिश्रम के आदर्शों को अपनाना चाहिए ताकि हम भी अपने देश और समाज के लिए कुछ महान कार्य कर सकें।
उनकी यह सफलता लोंगेवाला के वीर सैनिकों की वीरता की सच्ची श्रद्धांजलि है और साथ ही यह दिखाती है कि शारीरिक और मानसिक दृढ़ता के साथ हम जीवन की किसी भी कठिनाई को पार कर सकते हैं। श्रीपाल यादव की उपलब्धि सभी के लिए एक प्रेरणा है जो यह सिखाती है कि यदि दिल में देशभक्ति और संघर्ष का जज्बा हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।