चंडीगढ़।
हरियाणा में कांग्रेस की लोकसभा टिकटों को लेकर बवाल मच गया है। कांग्रेस अभी तक एक भी उम्मीदवार की घोषणा नहीं कर पाई है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी से मीटिंग के बावजूद 9 में से 6 सीटों पर गुटबाजी से पेंच फंस गया है। एक कुरूक्षेत्र सीट कांग्रेस ने I.N.D.I.A. ब्लॉक में साथी आम आदमी पार्टी (AAP) को दी है।
टिकटों के बंटवारे में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और प्रधान उदयभान का गुट एक तरफ है जबकि दूसरी तरफ कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला का गुट है। दोनों के बीच अपने गुट के उम्मीदवारों को टिकट देने को लेकर खींचतान चल रही है।
जिस वजह से केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग के बावजूद कांग्रेस लिस्ट जारी नहीं कर पाई है। वहीं बवाल बढ़ने पर अब उम्मीदवारों के अंतिम फैसले का अधिकार कांग्रेस हाईकमान को दे दिया गया है।
हिसार: इस सीट पर पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह और जय प्रकाश आमने-सामने हैं। बृजेंद्र सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं और हाल ही में उन्होंने भाजपा को छोड़कर कांग्रेस जॉइन की है। बृजेंद्र सिंह के लिए सैलजा-सुरजेवाला गुट हिसार से ही टिकट देने की पैरवी कर रहा है, जबकि जेपी के लिए हुड्डा गुट लगा हुआ है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा करनाल सीट से ब्राह्मण दांव खेलने के पक्ष में है। वह यहां से विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के बेटे चाणक्य पंडित को प्रत्याशी बनाने पर जोर लगा रहा है। हुड्डा गुट का दावा है कि चाणक्य के दादा इसी सीट से चार बार सांसद रहे हैं। हालांकि, सैलजा-सुरजेवाला कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव वीरेंद्र राठौर और वीरेंद्र बुल्लेशाह का नाम प्रस्तावित कर रहे हैं । वे मनोहर लाल के सामने राजपूत या पंजाबी समुदाय का प्रत्याशी चाह रहे हैं। इनके अलावा , एनसीपी के नेता वीरेंद्र मराठा के नाम पर भी चर्चा हुई है, लेकिन इंडिया गठबंधन में यह सीट मराठा को देने पर सहमति नहीं बन रही है।
भिवानी-महेंद्रगढ़: यहां से विधायक किरण चौधरी की बेटी और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी और विधायक राव दान सिंह टिकट के प्रबल दोवदार हैं। सैलजा-सुरजेवाला श्रुति के लिए टिकट पर अड़ा हुआ है, लेकिन हुड्डा गुट श्रुति का विरोध कर राव दान सिंह की पैरवी में जुटा हुआ है। हुड्डा गुट का कहना है कि श्रुति यहां से दो बार हार चुकी हैं, ऐसे में इस सीट पर जातिगत बदलाव होना बेहद जरूरी है।
मीटिंग में रणदीप सुरजेवाला और कुमारी सैलजा नहीं आए। हालांकि सलमान खुर्शीद और मधुसूदन मिस्त्री ने फोन पर इन दोनों नेताओं से बातचीत की। सूत्रों के मुताबिक हुड्डा ग्रुप को भारी पड़ते देख दोनों नेताओं ने मीटिंग से किनारा किया।
सोनीपत: ब्राह्मण दांव के पक्ष में पार्टी
यहां से दोनों गुटों ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं। 2029 में भूपेंद्र हुड्डा ने यहां से चुनाव लड़ा था, लेकिन वह हार गए थे। हालांकि इस सीट पर पेंच फंसा हुआ है। इसकी वजह यह है कि हुड्डा गुट यहां से अपने समर्थक कुलदीप शर्मा को टिकट दिलवाना चाहते हैं। यदि करनाल से कुलदीप के बेटे चाणक्य को टिकट नहीं मिलती है तो उन्हें यहां से टिकट दिलाई जा सकती है। हालांकि यहां से पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व हरियाणा के सतपाल ब्रह्मचारी पर भी दांव लगाने के मूड में है। इसको लेकर उनके नाम की भी यहां से चर्चा है।
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