Delhi- Dehradun Expressway: दिल्ली से देहरादून तक बनने जा रहा है देश का पहला साउंड प्रूफ एक्सप्रेसवे, जानें क्या हैं इसकी खासियत
Delhi- Dehradun Expressway: दिल्ली- देहरादून का सफर करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। क्योकिं इसी साल दिल्ली- देहरादून एक्सप्रेसवे को लोगों के लिए खोल दिया जाएगा।
घने जंगलों के बीच से गुजरने वाला ये एक्सप्रेसवे देश का पहला साउंड बैरियर एक्सप्रेसवे है। इस एलिवेटेड एक्सप्रेसवे में चलने वाली गाड़ियों की रोशनी और आवाज जंगल तक नहीं पहुंचेगी।
इतनी रफ्तार से दौड़ेगी गाड़ियां
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के तहत बनाया गया दिल्ली- देहरादून एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। ऐसे में अब दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर देहरादून तक जाने वाले इस नए एक्सप्रेसवे को जनवरी 2025 तक आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
दिल्ली- देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। इसके शुरू हो जाने के बाद महज 2.5 घंटे में दिल्ली से देहरादून का सफर तय होगा।
मिलेगा जंगल सफारी का मजा
इस एक्सप्रेसवे की सबसे खास बात ये है कि इस पर 12 किलोमीटर का एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाया गया है, जो राजाजी नेशनल पार्क के ऊपर से गुजरेगा। यह पार्क हाथियों और जंगली जानवरों के लिए जाना जाता है। ऐसे में सफर के दौरान इस एक्सप्रेसवे पर जंगल सफारी का भी मजा ले पाएंगे।
देश का पहला साउंड प्रूफ एक्सप्रेसवे
दिल्ली और उत्तराखंड को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे को साउंड प्रूफ बनाया गया है। इस एक्सप्रेसवे पर दौड़ने वाले वाहनों के शोर से जानवर प्रभावित न हों, इसके लिए रिसर्च के बाद भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस साउंड प्रूफ तकनीक को विकसित किया है।
अब साउंड प्रूफ एक्सप्रेसवे के ऊपर गाड़ियों की आवाज जितनी भी हो, लेकिन ये शोर नीचे जंगल तक नहीं पहुंचेंगा। रात के समय लाइटों की रोशनी भी जंगल तक नहीं पहुंचेगी।
2.5 घंटे में पूरा होगा 6 घंटे का सफर
यह प्रोजेक्ट भारतमाला परियोजना का ही हिस्सा है। एनएचएआई ने इस एक्सप्रेसवे को बनाने में करीब 13 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है। ये एक्सप्रेसवे दिल्ली को उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से जोड़ेगा। यह दिल्ली, उत्तराखंड और यूपी से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने के बाद दिल्ली से देहरादून का सफर 6.5 घंटे से घटकर महज 2.5 घंटे हो जाएगा।
सुरक्षा के है कड़े इंतजाम
साथ ही इस नए एक्सप्रेसवे पर यात्रियों की सुरक्षा को लेकर भी काफी इंतजाम किए गए हैं। एक्सप्रेसवे के किनारे ही ट्रॉमा सेंटर बनाए जाने के साथ एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और अन्य इमरजेंसी सेवाओं को भी एक्शन मोड पर रखा गया है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए दोनों तरफ रेलिंग लगाए जाने के साथ वाइल्डलाइफ फेंसिंग की गई है।
अंतिम चरण में है निर्माण का काम
इस परियोजना के अंतिम चरण का काम जारी है। 110 से ज्यादा अंडरपास, चार बड़े पुल और पांच रेलवे ओवरब्रिज बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा 12 किलोमीटर का एक एलिवेटेड वाइल्डलाइफ कॉरिडोर और 340 मीटर लंबी सुरंग बनाई गई है। ये शिवालिक और राजाजी नेशनल पार्क के जानवरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।

