Mahakumbh 2025 : विदेशों की नौकरी छोड़ हरियाणा के अभय ने लिया सन्यास, IITian बाबा के नाम से हुए मशहूर

हरियाणा के अभय ग्रेवाल ने लिया सन्यास
36 लाख का पैकेज ठुकराया
महाकुंभ हलचल
नाम: अभय सिंह
योग्यता: B। Tech IIT Bombay
पद: संन्यासी
काम: आध्यात्म के मार्ग से सत्य की खोज
निवासी : गांव सासरोली हरियाणा।
अभय सिंह उर्फ़ IITian बाबा कनाडा में भी नौकरी करके आए, वहां इन्हें साल का 36 लाख का पैकेज था।
इन्होंने उसे छोड़ दिया, यही नहीं इन्होंने स्वयं कबूला है कि
इनकी 4 साल तक एक गर्ल फ्रेंड भी रही है, यह दा'रू, सि'गरेट सब कुछ पीते थे।
इनका शादी से भरोसा इसलिए उठा क्योंकि इनके पेरेंट्स आपस में ल'ड़ाई करते थे जब
हर जगह दुनिया से भरोसा उठा तो अभय सिंह ने संन्यास का मार्ग अपना लिया और ईश्वर की खोज में निकल पड़े।
प्रयागराज के महाकुंभ में सोशल मीडिया पर छाए झज्जर के आईआईटियन बाबा अभय सिंह का मूल रूप से पैतृक गांव हरियाणा के झज्जर के सासरौली में है। पिता पेशे से वकील हैं और झज्जर बार के प्रधान भी रह चुके हैं। आजतक ने उनके पिता कर्ण सिंह से बात की।
सांसारिक और भोग वस्तुओं का त्याग कर अध्यात्म का रास्ता अपनाने की जानकारी अधिवक्ता कर्ण सिंह को सोशल मीडिया के माध्यम से ही मिली।
उन्होंने कहा कि बेटा अभय सिंह बचपन से ही शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा होनहार था। अच्छा रैंक आने के बाद उसे मुंबई आईआईटी में एडमिशन मिला। वह कोरोना काल में कनाडा रहा। वहां अपनी बहन के पास ही रहकर उसने नौकरी भी की।
कर्ण सिंह कहते हैं कि कनाडा से आने के बाद वह अभय को भिवानी के एक नैचुरल पैथी चिकित्सालय में ले गए थे। वहीं पर मैडिटेशन के दौरान वहां के डॉक्टरों ने अभय के अध्यात्म में जाने की बात बताई थी।
वह बोले कि अभय के अध्यात्म की ओर जाने से वह खुश नहीं हैं, लेकिन इतना जरूर कहते हैं कि अब जो फैसला अभय ने लिया है उसके बारे में वह खुद ही बता सकता है।
'माता-पिता के साथ परिवार के सदस्यों का नंबर ब्लॉक है'
कर्ण सिंह ने कहा कि अभय ने उनके सामने कभी खुलकर बात नहीं की। वह मुझसे कम बातें किया करता था। बेटे ने न तो मुझसे और न ही अपनी मां से अध्यात्म के बारे में बात की। अभय फोन पर बात करने का शौकीन नहीं था। पिछले करीब 6 माह से उसने अपने परिवार के सभी सदस्यों के फोन नंबर ब्लाॅक कर रखे हैं।
सोशल मीडिया से हुई अध्यात्म में जाने की जानकारी
पिता ने कहा, सोशल मीडिया के माध्यम से ही उन्हें उसके अध्यात्म की ओर जाने का पता चला। अपने बचाव के लिए ही उसने सभी के नंबर ब्लॉक कर दिए।
कर्ण सिंह ने बताया कि वह अभी भी चाहते हैं कि बेटा वापस घर आ जाए। लेकिन वह अभय पर दबाव नहीं डालना चाहते। उन्होंने कहा कि हमसे कोई शिकायत है तो बेटा बताए। उसकी मां भी चाहती है और कहती है कि बेटे को समझाकर लाया जाएगा।