Property Rule : बिना लड़े ऐसे छुटवाएं जमीन से कब्जा, करें ये आसान काम, मिलेगा संपत्ति और मुआवजा

 
बिना लड़े ऐसे छुटवाएं जमीन से कब्जा, करें ये आसान काम, मिलेगा संपत्ति और मुआवजा

Property Rule : अगर आपकी भी जमीन (Property) या किसी अन्य संपत्ति पर किसी भी तरह का कब्जा हो गया है। तो आप कैसे इसे बिना लड़ाई झगड़े के छूटा सकते है। आइए जानते है इसके बारें में पूरी जानकारी विस्तारसे क्या है इसे अचल संपत्ति को सबसे सुरक्षित निवेश माना जाता है, क्योंकि इसे पैसा या जेवर की तरह चुराया नहीं जा सकता है। लेकिन, जमीन (Property) और मकान को लेकर एक खतरा हमेशा बना रहता है और वह है कब्जे का। खासकर जब तब या तो आपने किसी को घर या खाली जमीन (Property) किराये पर दी हो या फिर खरीदने के बाद इस पर ध्यान नहीं दिया हो। 

कई लोग खाली जमीन (Property) पर अतिक्रमण कर बैठ जाते हैं और अस्थाई निर्माण कर लेते हैं। देशभर में आए दिन जमीन (Property) और मकानों पर कब्जे से जुड़े विवाद सामने आते रहते हैं। इन जमीन (Property)ों से जुड़े इन विवादों को लेकर लोग थाने-कचहरी तक पहुंच जाते हैं।

इस तरह के विवादों का कानूनी समाधान लंबा हो सकता है इसलिए बेहतर है कि हम ऐसी नौबत ही नहीं आने दें कि कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़े। भारत में अतिक्रमण या अवैध कब्जे को अपराध माना गया है। इसके लिए कानूनी प्रावधान भी हैं। ऐसे में जरूरी है कि भूमि अतिक्रमण से निपटने के कानूनी तौर-तरीकों के बारे में जान लिया जाए।

भूमि अतिक्रमण

जमीन (Property) पर अतिक्रमण से मतलब है कि कोई व्यक्ति गैर कानूनी तरीके से किसी दूसरे की भूमि व संपत्ति पर कब्जा करता है या उसे हड़प लेता है। आमतौर पर व्यक्ति जमीन (Property) पर अतिक्रमण करने के लिए जमीन (Property) पर अस्थाई निर्माण कर लेता है।

जमीन (Property) पर अतिक्रमण को भारत में अपराध माना गया है। भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 441 जमीन (Property) व संपत्ति पर अतिक्रमण से जुड़े मामलों पर लागू होती है। यदि कोई व्यक्ति गलत तरीके और नियत से जमीन (Property) या मकान पर कब्जा करता है तो उस पर सेक्शन 447 के तहत जुर्माना लगाया जाता है और 3 महीने की सश्रम कारावास की सजा मिलती है।

क्या करें

अगर आपकी लैंड या प्रॉपर्टी (Property) पर किसी ने अवैध कब्जा कर लिया है, तो सबसे पहले संबंधित अधिकारियों से इसकी शिकायत करें।

जमीन (Property) का मालिक, अतिक्रमणकारियों के खिलाफ तहत मामला दर्ज करा सकता है। कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद अदालत अतिक्रमण पर रोक लगा सकती है, साथ ही मुआवजे का भुगतान करने का आदेश भी दे सकती है।

भूमि अतिक्रमण के मामले में मुआवजा की रकम कोर्ट जमीन (Property) की कीमत के आधार पर तय करती है। यदि अवैध कब्जे के दौरान आपकी संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचाया है तो फरियादी हर्जाने के लिए ऑर्डर 39 के नियम 1,2 और 3 के तहत दावा कर सकता है।

भूमि अतिक्रमण (Land Encroachment) की समस्या को आपसी सहमति से भी खत्म किया जा सकता है. इनमें मध्यस्थता, जमीन का विभाजन, संपत्ति बेचना और किराए पर दे देना जैसे विकल्प शामिल हैं।