डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन मुसीबतों से नहीं घबराने की शिक्षा देता है: डीसी

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भिवानी।

स्थानीय लघु सचिवालय परिसर में डॉ. भीम राव अंबेडकर के महा परिनिर्वाण दिवस पर विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपायुक्त नरेश नरवाल ने अंबेडकर प्रतीमा पर पुष्पर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की और अंबेडक़र द्वारा समाज हित में किए गए कार्यों का संदेश दिया। उपायुक्त नरवाल ने कहा कि डॉ. भीम राव अंबेडकर ने शिक्षा के क्षेत्र में विश्व में उच्च मुकाम हासिल किया। उनका जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। वे भारतीय संविधान के शिल्पकार थे। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा, श्रेष्ठ व समृद्ध संविधान है। हमें बाबा साहेब के जीवन से शिक्षा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉ. भीम राव अंबेडकर की तरह शिक्षित बनकर समाज के लिए कार्य कर सकते है। उपायुक्त नरवाल ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर का जीवन संघर्ष का प्रतीक है। हमें उनके जीवन से संघर्ष करने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने अपने जीवन में विषम परिस्थितियों का सामना किया और जीवन में कभी भी हार नहीं मानी। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने हमें सिखाया है कि हमें निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए। जीवन में आने वाली समस्याओं से कभी घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि इंसान यदि ठान ले तो कोई काम मुश्किल नहीं होता है। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने हमें संघर्ष करने, संगठित रहने व शिक्षा हासिल करने की प्ररेणा दी है, जो प्रत्येक समाज के लोगों पर लागू होती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही जीवन में आगे बढऩे का माध्यम है। शिक्षा ही जीवन में आने वाले अंधकार को दूर करता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही जीवन का अंधेरा समाप्त होता है। इस दौरान बार एसोसिएशन के प्रधान विश्वजीत सिंह पिलानिया सहित सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिकों सहित अनेक अधिवक्ता भी मौजूद थे।

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