हरियाणा में नशे से इस साल अब तक 84 युवा दम तोड़ चुके हैं। खास बात यह है कि इनकी उम्र 18 से 35 वर्ष के बीच है। इस आंकड़े ने हरियाणा की BJP-जजपा सरकार में खलबली मचा दी है। CM मनोहर लाल खट्टर ने अफसरों से मीटिंग कर इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की।
जिसके बाद नशे के खिलाफ बड़ा प्लान तैयार किया गया है। तस्करों को पकड़ने के लिए साढ़े 3 हजार टीमें गठित कर दी गई हैं। इनमें 30 हजार अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। सहयोग के लिए इस टीम से 45 हजार आम लोगों को भी जोड़ा गया है।
यह टीमें गुपचुप तरीके से गांव और शहरों से तस्करों का डेटा तैयार कर रही हैं। जिसके साथ ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और पुलिस की जॉइंट टीमें ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू कर देंगी।
राज्य से नशा तस्करों को पकड़वाने के लिए सूबा सरकार की ओर से एक मोबाइल नंबर जारी किया है। CM मनोहर लाल ने इस एंटी ड्रग्स हेल्पलाइन नंबर 90508-91508 के प्रचार के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि इस नंबर को राज्य की बसों और सार्वजनिक स्थानों पर छपवाया जाए, ताकि सबको इसका पता चल सके।
नशे की तस्करी पर लगाम लगाने के साथ ही राज्य सरकार नशेड़ियों का रिकार्ड भी तैयार करेगी। इसके लिए नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो एक मोबाइल एप भी बना रहा है। इसमें अभी तक सूबे में बनाई कई टीमों के द्वारा यह रिकार्ड एप में अपडेट किया जाएगा। इसके बाद सरकार और संबंधित विभाग उन लोगों की काउंसलिंग कर नशा छुड़ाने का प्रयास करेगी।
असल में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने हरियाणा में NDPS एक्ट के तहत दर्ज केसों में गिरफ्तार तस्करों से पूछताछ की। उन्होंने कबूला कि हरियाणा के कई हिस्सों में वह सिंथेटिक ड्रग्स की डिलीवरी कर चुके हैं। इसके आधार पर तैयार ब्यूरो की रिपोर्ट के मुताबिक यह ड्रग्स दिल्ली, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, राजस्थान, UP, पंजाब, हिमाचल प्रदेश और बिहार के ड्रग्स स्मगलरों ने हरियाणा के कई हिस्सों में सप्लाई की है।
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