एक IAS अफसर को कौन करता है सस्पेंड? किसके पास है इतनी पावर, यहां जानें
UPSC सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है। हर साल लाखों युवा UPSC परीक्षा देते हैं, लेकिन इनमे से कुछ चुनिंदा युवा ही इस परीक्षा को क्रैक करके IAS या IPS अधिकारी बनने का सपना पूरा करते हैं।
बता दें कि IAS एक जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है, लेकिन क्या आपको पता हैं कि IAS को सस्पेंड करने की पावर किसके पास होती है। आइये आज आपको इसके बारे में बताते हैं।
IAS सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी
UPSC सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। देश के लाखों युवा यूपीएससी एग्जाम क्रैक करके IAS या IPS अधिकारी बनने का सपना देखते हैं। IAS एक जिले का सबसे बड़ा प्रशासनिक अधिकारी होता है लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि IAS को सस्पेंड करने की पावर किसके पास होती है?
रैंक की जा सकती है कम
IAS अधिकारी जिस सरकार के लिए काम करते हैं, उसे सस्पेंड करने का अधिकार भी उसी सरकार के पास होता है। संविधान के अनुच्छेद 311(2) के अनुसार, अगर कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसकी रैंक कम की जा सकती है। साथ ही उसकी नौकरी भी खत्म की जा सकती है।
सस्पेंड करने का अधिकार
आमतौर पर राज्य सरकार एक IAS अधिकारी को सस्पेंड कर सकती है। हालांकि, यह अधिकार केवल खास परिस्थितियों में ही इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि राज्य सरकार के पास IAS अधिकारी को सस्पेंड करने का अधिकार तो है लेकिन नौकरी से निकालने का अधिकार नहीं है।
नियमों का पालन
अगर राज्य सरकार किसी IAS को सस्पेंड करती है तो उन्हें 48 घंटे के अंदर कैडर कंट्रोल अथॉरिटी को लेटर भेजकर इसकी जानकारी देनी होती है। इसके अलावा उन्हें कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) का प्रभार संभाल रहे मंत्री की मंजूरी लेनी होती है।
इसके पास होती है पावर
वहीं, 30 दिनों के बाद सस्पेंशन जारी रखने के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार से परमिशन लेनी होती है। बता दें कि किसी IAS, IRS या IFS अधिकारी को नौकरी से निकालने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होता है। पीएम, सीएम या यूपीएससी के पास ये अधिकार नहीं होता है।

