चंडीगढ़।
हरियाणा में विधानसभा चुनाव टाइम से पहले होने जा रहे हैं। इसे लेकर भारतीय चुनाव आयोग (ECI) की टीम आज हरियाणा दौरे पर है। चीफ इलेक्शन ऑफिसर राजीव कुमार, चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. एसएस संधू 2 दिन चंडीगढ़ में ही रहेंगे।
यहां वह विधानसभा चुनाव की तैयारियों को परखेंगे। साथ ही राजनीतिक दलों से रायशुमारी भी करेंगे। टीम अलग-अलग समय में मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल के अलावा अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मीटिंग कर प्रदेशभर का इनपुट लेगी। हरियाणा विधानसभा चुनाव का 25 अगस्त के आसपास नोटिफिकेशन आने के आसार हैं। ECI इस साल 4 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने जा रहा है। इनमें हरियाणा के अलावा महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और झारखंड शामिल हैं।
ECI के सूत्रों का कहना है कि जम्मू कश्मीर में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव संभावित हैं। यही कारण है कि दूसरे राज्यों की चुनाव की डेट में बदलाव किया गया है। हरियाणा में 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने 21 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया था।
3 नवंबर तक सरकार का कार्यकाल
हरियाणा में सत्तासीन BJP की सरकार का कार्यकाल 3 नवंबर 2024 को खत्म हो रहा है। समय से पहले विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट को लेकर हरियाणा सरकार भी अलर्ट हो गई है। CM नायब सैनी ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) और टॉप ब्यूरोक्रेसी को अलर्ट कर दिया है।
यही वजह है कि CMO के अफसर देर रात तक काम कर रहे हैं। वहीं, अगस्त में ही 3 बार सरकार ने कैबिनेट मीटिंग बुला ली है। 2 बार की मीटिंग हो चुकी है, तीसरी मीटिंग 17 अगस्त को CM नायब सैनी ने बुलाई है।
हरियाणा में इस बार 817 नए बूथ होंगे
हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी पंकज अग्रवाल पहले ही बता चुके हैं कि विधानसभा चुनावों को लेकर ECI की टीम 12-13 अगस्त को हरियाणा दौरे पर आ रही है। स्थानीय स्तर पर सभी 22 जिलों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के इंजीनियरों द्वारा EVM चेकिंग का काम किया जा रहा है।
इस बार विधानसभा चुनाव के लिए 817 पोलिंग बूथ नए बनाए गए हैं, जिसके बाद पोलिंग बूथों की संख्या बढ़कर 20,629 हो गई है।
केंद्र के साथ हरियाणा BJP भी यह चाहती है कि यहां समय से पहले ही विधानसभा चुनाव हों। इसका इनपुट हरियाणा की टॉप लीडरशिप केंद्र को दे चुकी है। यदि यहां समय से पहले चुनाव होते हैं तो हरियाणा सरकार विधानसभा में मानसून सेशन एक दिन का कर सकती है। संविधान विशेषज्ञ राम नारायण यादव ने बताया कि आर्टिकल-174 के कारण सरकार को 6 महीने के भीतर विधानसभा सत्र बुलाना जरूरी है। चाहे वह एक दिन का ही क्यों न हो।
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