Haryana: हरियाणा में ACB ने की बड़ी कार्रवाई, सरपंच-अधिकारियों पर दर्ज की FIR

Haryana: हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है। हरियाणा के नूंह में फिरोजपुर झिरका के गांव बसई मेव में अवैध खनन को लेकर CEC की रिपोर्ट के बाद ACB ने बड़ी कार्रवाई की है।
मिली जानकारी के अनुसार, ACB ने वन विभाग, खनन एवं भूविज्ञान विभाग और राजस्व के चकबंदी विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ-साथ गांव के निवर्तमान सरपंच और खनन माफिया के खिलाफ FIR दर्ज की है। मामले में जांच जारी है। Haryana News
जानकारी के अनुसार, अवैध खनन के इस केस में FIR ACB ने DSP अशोक कुमार की शिकायत पर दर्ज की है। इसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा अरावली पहाड़ियों में अवैध खनन संबंधी गतिविधियों की निगरानी के लिए गठित CEC की 15 अप्रैल को पेश की गई निरीक्षण रिपोर्ट का हवाला दिया गया है। Haryana News
जानकारी के मुताबिक, ये सिफारिशें रिपोर्ट के पैरा नंबर 17 में वर्णित हैं। इसमें बताया गया है कि राजस्थान बॉर्डर के साथ लगते गांव बसई मेव में ऐसे रास्तों का निर्माण कर दिया गया जो गैर जरूरी और स्थानीय किसानों के लिए अहितकर थे। मिली जानकारी के अनुसार, इन रास्तों का सीधा उद्देश्य अवैध खनन को बढ़ावा देना और राजस्थान सीमा के गांवों से आने वाली खनन सामग्री को अवैध तरीके से हरियाणा की सीमा में प्रवेश देना है। Haryana News
मिलीभगत मिली
मिली जानकारी के अनुसार, कमेटी ने अपनी सिफारिश में साफ आरोप लगाया है कि इन रास्तों का निर्माण वन विभाग, राजस्व विभाग, चकबंदी विभाग, खनन एवं भूविज्ञान विभाग के अधिकारियों ने बसई मेव गांव के सरपंच तथा खनन माफिया के साथ गठजोड़ करके करवाया है। Haryana News
आरोप ये भी हैं कि सरकारी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों के ने खनन माफिया के साथ जुगलबंदी करके अवैध धन अर्जित करने की नीयत से कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अवैध रास्तें बनवाए हैं। Haryana News
जानकारी के मुताबिक, CEC ने अपनी रिपोर्ट में इस बात पर भी हैरत जताई कि स्थानीय किसानों को न तो रास्तों के निर्माण की कोई सूचना पहले दी और न ही इसके बदले में कोई मुआवजा दिया गया। Haryana News
कोर्ट के आदेशों की उल्लंघना
मिली जानकारी के अनुसार, रास्तों के निर्माण से 7 मई 1992 के सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उल्लंघना तो हुई ही, पंजाब भू संरक्षण कानून 1900 की भी धज्जियां उड़ाई गई। जानकारी के मुताबिक, नियम के बावजूद इन रास्तों के निर्माण से पहले वन विभाग की मंजूरी भी नहीं ली गई। गौरतलब है कि सरपंच हनीफ उर्फ हन्नान को पहले ही इस मामले में सस्पेंड किया जा चुका है। Haryana News
जानकारी के मुताबिक, CEC की सिफारिश पर इस मामले की जांच ACB को 90 दिन में पूरी कर रिपोर्ट भी पेश करनी है। प्राथमिक तौर पर FIR में बसई मेव के सरपंच हनीफ उर्फ हन्नान का ही नाम है। Haryana News
मिली जानकारी के अनुसार, ACB के अधिकारियों का कहना है कि जांच शुरू कर दी गई है। जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। नियमानुसार आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।