Haryana: हरियाणा में मेडिकल बिल को लेकर बड़ा घोटाला, फर्जी मुहर और कर्मचारियों के फेक हस्ताक्षर से लाखों की हेराफेरी

Haryana: हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है। हरियाणा के हिसार में फर्जी मेडिकल बिल बनाने के मामले में आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी नगर निगम के कंप्यूटर ऑपरेटर है, जिसे पुलिस ने 3 दिन पहले गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, रिमांड के दौरान आरोपी ऑपरेटर जॉनी ने कई खुलासे किए हैं। पुलिस को इस जांच में पता चला है कि आरोपी जॉनी बिल बनाने की पूरी प्रक्रिया अपने कंप्यूटर पर करता था। इस काम में कई अन्य आरोपी भी शामिल हैं। Haryana News
जानकारी के मुताबिक, आरोपी के पास फर्जी मुहर भी थी, जिसका इस्तेमाल फर्जी मेडिकल बिल बनाने में किया जाता था। आरोपी अब तक 8 फर्जी मेडिकल बिल बना चुका है। रिमांड पूरा होने के बाद पुलिस ने आरोपी जॉनी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार, SI सुरेंद्र मोर के अनुसार मामले में मास्टरमाइंड सफाई निरीक्षक सुरेंद्र हुड्डा और सुनील बेलदार हैं। दोनों की गिरफ्तारी के बाद मामले में कई नए खुलासे हो सकते हैं। पुलिस टीम ने उनकी तलाश में कार्यालय से जानकारी जुटाई तो दोनों अनुपस्थित मिले। पुलिस कई एंगल से मामले की जांच कर रही है। Haryana News
इस तरह हुआ खुलासा...
मिली जानकारी के अनुसार, बता दें कि महिला सफाई कर्मी पूनम के इलाज के नाम का एक फर्जी मेडिकल बिल निगम में जमा हुआ। उसमें पूनम के हार्ट का इलाज बताया गया। बिल में जो तिथि इलाज की दर्शाई, उसी तिथि में पूनम की ड्यूटी पर भी उपस्थिति थी। यानि हाजिरी भी लगी हुई है।
जानकारी के मुताबिक, पूनम और उसके पति दलविंद्र से जब इस मेडिकल बिल के बारे में निगम स्टाफ ने पूछा तो पूनम ने कहा कि मैं तो कभी बीमार ही नहीं हुई। Haryana News ऐसे में मेडिकल बिल के फर्जीवाड़े का खेल उजागर हुआ और उप-निगम आयुक्त के नेतृत्व में गठित जांच टीम ने मामले में जांच पूरी कर दोषियों के नाम दस्तावेज पर अंकित कर दिए। इसके बाद मामला आगामी जांच और कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस को भेज दिया था।
फर्जी बिल पास
मिली जानकारी के अनुसार, मामले का खुलासा तब हुआ, जब एक सफाई कर्मचारी दलविंद्र द्वारा अपनी पत्नी पूनम के नाम पर जमा कराए गए 2.19 लाख रुपए के मेडिकल बिल की जांच की गई। जांच में पता चला कि न केवल यह बिल फर्जी था, बल्कि इससे पहले भी 8 फर्जी मेडिकल बिल पास किए जा चुके थे। Haryana News कुल मिलाकर 17 लाख रुपए के फर्जी बिल पास कराए गए, जिनमें से 12.23 लाख रुपए सिर्फ सफाई कर्मचारियों के थे।
ये भी शामिल
जानकारी के मुताबिक, घोटाले में एक बेलदार, एक माली, तीन सफाई दरोगा और तीन सफाई कर्मचारी शामिल पाए गए। जांच के दौरान सफाई कर्मचारियों ने खुलासा किया कि उन्हें गुमराह कर उनके हस्ताक्षर करवाए और खातों में आए पैसे आरोपियों ने निकलवा लिए। निगम प्रशासन ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया। जिसमें उप निगमायुक्त वीरेंद्र सहारण, सचिव संजय शर्मा और अकाउंटेंट अंशुल शामिल थे।
ये आदेश Haryana News
मिली जानकारी के अनुसार, जांच के बाद डेटा एंट्री ऑपरेटर जोनी, बेलदार सुनील और एएसआई सुरेंद्र के खिलाफ केस दर्ज करने के साथ निलंबन और चार्जशीट के आदेश दिए गए। वहीं सफाई कर्मचारी दलविंद्र, क्लर्क गीता और सहायक सुरेंद्र के खिलाफ चार्जशीट के आदेश जारी किए गए। पुलिस ने 27 नवंबर को मुख्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की।