Haryana: हरियाणा में नगर निगम में बड़ा घोटाला, करोड़ों रुपये के फर्जी भुगतान, 3 करोड़ रिश्वत मामले में तबादला

 
Haryana: हरियाणा में नगर निगम में बड़ा घोटाला, करोड़ों रुपये के फर्जी भुगतान, 3 करोड़ रिश्वत मामले में तबादला

Haryana: हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है। हरियाणा के गुरुग्राम के मानेसर नगर निगम (MCM) में बड़ा घोटाला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार, नगर निगम (MCM) में सफाई ठेके में अनियमितताओं का मामला अब सड़कों पर सब के सामने आ गया है। 

जानकारी के मुताबिक, सफाई ठेका कंपनी ने मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) को शिकायत भेजी है। जिसमें नगर निगम आयुक्त व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों पर जानबूझकर भुगतान रोकने, अनुचित जुर्माना लगाने व बिल पास करने की एवज में रिश्वत मांगने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। Haryana News 

मिली जानकारी के अनुसार, कंपनी की शिकायत पर आयुक्त को मुख्यालय से तलब किया गया था, जिसके बाद मंगलवार शाम को आयुक्त रेणु सोगन का तबादला कर दिया गया। आज ठेका कंपनी व आयुक्त को अपना पक्ष रखने के लिए चंडीगढ़ मुख्यालय बुलाया गया है।

जानकारी के मुताबिक, हालांकि MCM अधिकारियों ने ठेका कंपनी के आरोपों को झूठा करार देते हुए इसे अधिकारियों को बदनाम करने का प्रयास बताया है, क्योंकि कंपनी ठेके के अनुसार मैनपावर व मशीनरी की जरूरतें पूरी करने में विफल रही है। इसके चलते कंपनी पर 4 करोड़ 30 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया। Haryana News

विधायक ने की थी शिकायत

मिली जानकारी के अनुसार, MLA पटौदी बिमला चौधरी ने कई बार निगम अधिकारियों से शिकायत की थी कि सफाई का काम सही नहीं हो रहा है। 11 अप्रैल लिखी चिट्‌ठी में विधायक ने कहा था कि आकांक्षा इंटरप्राइजेज पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए और एसडब्ल्यूएम पोर्टल के माध्यम से ही पेमेंट की जाए। इसे ध्यान में रखते हुए एजेंसी पर 4.50 करोड़ रुपए का चालान लगाया गया है और साथ ही निगम मुख्यालय को जांच भी सौंपी जाएगी।

90 करोड़ की राशि

जानकारी के मुताबिक, विधायक से शिकायत मिलने के बाद नगर निगम ने पाया कि सफाई एजेंसी ने 2023 से दिसंबर 2024 तक की बिल अदायगी में भी पूरे 1997 सफाईकर्मियों के अनुसार निगम से भुगतान उठाया है। ये राशि लगभग 90 करोड़ रुपए बनती है। Haryana News

मिली जानकारी के अनुसार, निगम आयुक्त रेनू सोगन ने इस पर जांच के आदेश दिए थे। नगर निगम मानेसर की सफाई शाखा और बिल संबंधी अधिकारियों ने अनुमानित 1997 सफाई कर्मचारियों के बजाय कम कर्मचारी लगाने पर आकांक्षा इंटरप्राइजेज पर लगभग 4.30 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगाई।

जानकारी के मुताबिक, एजेंसी की जुलाई 2024 से फरवरी 2025 तक लगाए गए सफाई कर्मियों की डिटेल दर्शाती है कि किस तरह निगम में 1/4 मैनपावर पर ही आकांक्षा इंटरप्राइजेज ने हर महीने 100 प्रतिशत मैनपावर की पेमेंट निगम से ली है। Haryana News

कर्मियों को भेजे नोटिस

मिली जानकारी के अनुसार, पूरा मामला संज्ञान में आने के बाद निगम आयुक्त ने जिन कर्मचारियों के कार्य में कमी पाई है, उनको शोकॉज नोटिस भेजे और अपने उच्च अधिकारियों को भी लिखा कि इन लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। MLA पटौदी ने भी कई बार निगम से कहा था कि आकांक्षा इंटरप्राइजेज पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए और एसडब्ल्यूएम पोर्टल के माध्यम से ही पेमेंट की जाए।

सफाई कंपनी ने क्या शिकायत की

जानकारी के मुताबिक, दिल्ली के द्वारका की आकांक्षा इंटरप्राइजेज कंपनी को मानेसर में सफाई का ठेका दिया हुआ है। कंपनी कई साल से यहां काम कर रही है। ठेका कंपनी के प्रतिनिधि शीशपाल सिंह राणा ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि चार महीने तक सर्विस प्रोवाइड करने के बावजूद निगम अधिकारियों ने 8.5 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान रोक दिया गया। Haryana News

मिली जानकारी के अनुसार, उनके दो महीने बिल की प्रशासनिक मंजूरी सरकारी स्तर पर लंबित थी, वहीं अन्य दो महीनों के बिल अधिकारियों के भ्रष्ट इरादों के कारण रोक दिए गए थे।

रिश्वत मांगने के आरोप

जानकारी के मुताबिक, उन्होंने आरोप लगाया कि मंजूरी हासिल करने के लिए शुरू में 24 लाख रुपए मांगे गए, इसके बाद प्रशासनिक मंजूरी के लिए 24 लाख रुपए और लंबित बिलों को जारी करने के लिए अतिरिक्त 3 करोड़ रुपए मांगे गए। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि सफाई प्रोजेक्ट के हर चरण में मुझे रिश्वत देने के लिए मजबूर किया गया और मेरे पास इन लेन-देन के पूरे दस्तावेजी सबूत हैं। Haryana News

मिली जानकारी के अनुसार, अधिकारियों ने सिस्टम का फायदा उठाया है और धमकी दी है कि अगर उनकी अवैध मांगों के आगे नहीं झुका तो वे मेरा व्यवसाय बर्बाद कर देंगे। उन्होंने सभी दस्तावेज और पत्राचार मुख्यमंत्री कार्यालय के साथ साझा किए हैं।

कांट्रेक्ट बढ़ाया था

जानकारी के मुताबिक, शीशपाल सिंह राणा ने बताया कि MCM के आंतरिक रिकॉर्ड में कंपनी का काम संतोषजनक है। इसी वजह से कंपनी का कांट्रेक्ट आगे बढ़ाया गया था। अगर वे काम नहीं कर रहे थे तो कांट्रेक्ट नहीं बढ़ाया जाता। Haryana News

आरोप झूठे बताएं

मिली जानकारी के अनुसार, हालांकि MCM कमिश्नर रेणु सोगन द्वारा ठेकेदार की शिकायतों को निराधार बताया गया है। उनका कहना है कि ठेकेदार के आरोप पूरी तरह से झूठे हैं। मैनपावर लगाने में गड़बड़ी, खराब सर्विस के चलते जुर्माना भी लगाया गया है।

 Haryana News जानकारी के मुताबिक, सारे दस्तावेज सरकार द्वारा निगरानी के लिए बनाए पोर्टल पर मौजूद हैं और कई स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उनकी समीक्षा की जाती है। ठेकेदार को बार-बार कमियों को दूर करने का निर्देश दिया था, खासकर मैनपावर और ट्रैक्टर-माउंटेड स्वीपिंग मशीनों को लेकर ध्यान नहीं दिया गया।