Haryana: हरियाणा में करोड़ों की सरकारी जमीन बेच दी कौड़ियों के भाव, लोगों को सता रहा अब ये डर...!

 
Haryana: हरियाणा में करोड़ों की सरकारी जमीन बेच दी कौड़ियों के भाव, लोगों को सता रहा अब ये डर...!

Haryana: हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है। हरियाणा के हिसार में करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन कौड़ियों के भाव में बेचने का बड़ा मामला सामने आया है। 

हरियाणा के हिसार के गंगवा में सरप्लस और टेनेंट परमिसिबल एरिया की जमीन को औने-पौने दामों में बेचकर सोसाइटी और कॉलोनाइजरों ने लाखों रुपये कमा लिए है। जानकारी के मुताबिक, अब वही जमीन महंगे दामों पर बेची जा रही है। जिला नगर योजनाकार विभाग और पंचायत के सदस्य भी इसे रोक नहीं पाए। सोसाइटी और कोलोनाइजरों ने लोगों को सस्ते रेट का लालच देकर फंसाया था।

मिली जानकारी के अनुसार, गंगवा के नजदीक पड़ी सरप्लस और टेनेंट परमिसिबल एरिया (TPA) की बेशकीमती जमीन हरियाणा सरकार तो अपने नाम नहीं कर पाई मगर सोसाइटी और कॉलोनाइजरों ने इसका फायदा उठाकर कौड़ियों के दाम बेच दिए। Court की तरफ से दिए गए सात फैसलों में जमीन को बचाने के आदेश हुए लेकिन अधिकारियों की अनदेखी ने उस जमीन के टुकड़े करवा दिए। Haryana News

जानकारी के मुताबिक, किसी के हाथ 100 गज जमीन आई तो किसी के 500 वर्ग गज। टुकड़ों में बेचकर उससे लाखों रुपये कमा कर सोसाइटी और कॉलोनाइजर दूर हो गए। अब कुछ लोगों के प्लाट पड़े हैं तो वह परेशान है कि उनके पास जमीन रहेगी या वह भी जाएगी।

फंसे लोग Haryana News

मिली जानकारी के अनुसार, सालों से जमीन बेच रहे सोसाइटी और कॉलोनाइजरों ने लोगों को सस्ता रेट का प्रलोभन देकर फंसाया। सरकारी जमीन को दो हजार से लेकर तीन हजार रुपये में बेच दिया। लोग भी उनके जाल में फंसे और जमीन लेकर उन पर जल्द ही मकान खड़े कर दिए। बेशक वर्तमान समय में उनके दाम बढ़ रहे हैं लेकिन सरकारी जमीन पर अवैध कालोनी बसने से लोग भी परेशान हो गए। जानकारी के मुताबिक, गंगवा के पास बसी कालोनियों के जमीन के रेट अब आठ हजार तक पहुंच गए हैं।

बेच रहे हैं कॉलोनाइजर Haryana News

मिली जानकारी के अनुसार, आजाद नगर के पास बसी कालोनी के रेट 20 से 30 हजार रुपये प्रति गज है। प्रापर्टी डीलर और कॉलोनाइजर उन जमीनों को अब महंगे दामों पर बेच रहे हैं। आदेशों के देखें तो कॉलोनाइजरों की तरफ से प्रति एकड़ जमीन को भी काफी सस्तें दामों पर खरीद लिया था।

जानकारी के मुताबिक, कृषि भूमि होने के कारण उस पर कालोनी काटने के लिए कोई सीएलयू भी नहीं हुआ। अवैध कालोनी कटती गई। टुकड़े-टुकड़े कर सरकारी जमीन को बेच दिया।

नहीं की कोई कार्रवाई Haryana News

मिली जानकारी के अनुसार, जिला नगर योजनाकार विभाग ने इस मामले में कुछ कार्रवाई नहीं की। यहां तक कि पंचायत के सदस्य भी उसे रोक नहीं पाए। भावाना कालोनी के लोगों का कहना है कि उन्होंने तीन हजार में जमीन खरीदी थी। इसी प्रकार किसान कालोनी में रेट 20 हजार के आसपास पहुंच गया है। जानकारी के मुताबिक, कैमरी रोड पर रेलवे लाइन के पास कुछ कालोनी के रेट भी काफी ज्यादा पहुंच गए हैं।

मिट्टी के बढ़े दाम 

मिली जानकारी के अनुसार, सरकारी जमीन को टुकड़ों में बेचकर कालोनाइजरों ने पैसा तो कमाया साथ ही उसकी मिट्टी भी बेच दी। बताया जाता है कि मिट्टी का रेट सालों पहले 80 रुपये प्रति ट्राली था मगर आज वह बढ़ कर 500 रुपये तक पहुंच गया है। एक एकड़ में सैकड़ों ट्राली मिट्टी निकली और उसे बेच दिया गया। Haryana News

जानकारी के मुताबिक, सरप्लस और TPA भूमि की बेची गई मिट्टी का रेट वर्तमान समय में प्रति एकड़ काफी ज्यादा है। ग्रामीणों की बात मानें तो एक एकड़ में कुछ फीट तक खोदाई कर मिट्टी बेची जाती है तो यहां पर ढाई से तीन लाख रुपये तक ले लेते हैं। दूसरी तरफ गंगवा में इसी मिट्टी पर बवाल चल रहा है। रिकॉर्ड को देखें तो जहां पर मिट्टी का विवाद है उसके आसपास भी सरप्लस और TPA की जमीन है। उसके रास्ते की मिट्टी भी गायब है।