Haryana: हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू होगा UPS

 
Haryana: हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, सरकारी कर्मचारियों के लिए लागू होगा UPS

Haryana: हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है। हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ा फैसला सुनाया है। जानकारी के मुताबिक, केंद्र की तर्ज पर हरियाणा सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (UPS) लागू करने का फैसला कर लिया है। 

मिली जानकारी के अनुसार, कैबिनेट मीटिंग में लिए गए फैसले का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है, जिसे वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने जारी किया है। Haryana News 

जानकारी के मुताबिक, राज्य के सरकारी विभागों के कर्मचारी नई व्यवस्था के तहत 1 अगस्त 2025 से UPS का विकल्प चुन सकेंगे। हालांकि, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) को भी विकल्प के रूप में बरकरार रखा गया है।

मिली जानकारी के अनुसार, फिलहाल यह योजना केवल सरकारी विभागों के कर्मचारियों पर लागू होगी। बोर्ड-निगमों, सार्वजनिक उपक्रमों और विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों को UPS के लिए अभी इंतजार करना होगा। Haryana News

जानकारी के मुताबिक, UPS के लागू होने से सुनिश्चित पेंशन, पारिवारिक पेंशन और न्यूनतम पेंशन की गारंटी मिलेगी। हालांकि विपक्ष इस फैसले का विरोध कर रहा है, लेकिन सरकार इसे कर्मचारियों के हित में बड़ा कदम मान रही है। Haryana News

जाने नोटिफिकेशन में क्या-क्या...

एक साल पहले 50% राशि मिलेगी

मिली जानकारी के अनुसार, सरकार के UPS को लेकर जारी नोटिफिकेशन में 25 साल की सेवा पूरी कर चुके कर्मचारी को UPS के तहत रिटायरमेंट से पहले 12 महीनों के दौरान मिल रहे औसत मूल वेतन की 50% की राशि पेंशन में मिलेगी। जानकारी के मुताबिक, यदि कर्मचारी 10 या इससे अधिक वर्ष की सेवा पूरी करने के बाद रिटायर होता है तो उसे प्रति माह 10 हजार रुपए का न्यूनतम गारंटीकृत भुगतान सुनिश्चित किया जाएगा। Haryana News

मौत के बाद परिवार को 60% मिलेगा

जानकारी के मुताबिक, पेंशनभोगी की मृत्यु की स्थिति में परिवार को अंतिम विड्रॉल पेंशन का 60 % ही मिलेगा। यह महंगाई राहत सुनिश्चित पेंशन भुगतान और पारिवारिक पेंशन दोनों पर लागू होगी, जिसकी गणना सेवारत कर्मचारियों पर लागू महंगाई भत्ते के समान ही की जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार, महंगाई राहत केवल तभी देय होगी, जब पेंशन भुगतान शुरू हो जाएगा। Haryana News

एकमुश्त भुगतान की परमिशन

मिली जानकारी के अनुसार, सेवानिवृत्ति के समय एकमुश्त भुगतान की भी अनुमति दी जाएगी, जो सेवा के प्रत्येक पूर्ण छह महीने के लिए मासिक परिलब्धियों (मूल वेतन महंगाई भत्ता) का दस प्रतिशत होगा। यह एकमुश्त राशि सुनिश्चित पेंशन भुगतान को प्रभावित नहीं करेगी। जानकारी के मुताबिक, वर्तमान नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी दस प्रतिशत अंशदान करते हैं, जबकि राज्य सरकार 14 प्रतिशत योगदान करती है। UPS के तहत सरकार का योगदान बढ़कर 18.5 प्रतिशत हो जाएगा। Haryana News

दो कोष निधियों का ऑप्शन

​​​​​​​जानकारी के मुताबिक, UPS योजना के तहत कोष में दो निधियां शामिल होंगी। एक व्यक्तिगत कोष जिसमें कर्मचारी अंशदान और हरियाणा सरकार से प्राप्त योगदान शामिल होगा जो हरियाणा सरकार से अतिरिक्त योगदान द्वारा वित्त पोषित एक पूल कार्पस फंड के रूप में संचालित होगा। Haryana News

बराबर का योगदान

​​​​​​​मिली जानकारी के अनुसार, योजना के तहत कर्मचारी अपने (मूल वेतन महंगाई भत्ते) का 10% योगदान देंगे, जिसमें हरियाणा सरकार से मिला बराबर योगदान होगा। दोनों राशियां प्रत्येक कर्मचारी के व्यक्तिगत कोष में जमा की जाएंगी। जानकारी के मुताबिक, इसके अलावा प्रदेश सरकार UPS का विकल्प चुनने वाले सभी कर्मचारियों के (मूल वेतन महंगाई भत्ते) का अनुमानित 8.5% औसत आधार पर पूल कार्पस में योगदान करेगी। Haryana News

कर्मचारियों को विकल्प मिलेगा

​​​​​​​जानकारी के मुताबिक, कर्मचारी अपने व्यक्तिगत कोष के लिए निवेश विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं, जिसे पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण द्वारा विनियमित किया जाएगा। यदि कोई कर्मचारी निवेश वरीयता निर्दिष्ट नहीं करता है तो PF RDA द्वारा परिभाषित निवेश का डिफॉल्ट पैटर्न लागू होगा। Haryana News

मिली जानकारी के अनुसार, अतिरिक्त सरकारी अंशदान द्वारा वित्तपोषित पूल कार्पस के लिए निवेश निर्णय पूरी तरह से हरियाणा सरकार द्वारा प्रबंधित किए जाएंगे। जो कर्मचारी UPS के चालू होने से पहले सेवानिवृत्त हुए और UPS का विकल्प चुनते हैं, उनके लिए PF RDA टॉप-अप राशि प्रदान करने की व्यवस्था निर्धारित करेगा। Haryana News

समर्पित पेंशन बहाल

जानकारी के मुताबिक, हरियाणा सिविल सेवा (पेंशन) नियम-2016 के नियम 95(2) में संशोधन किया गया है। इसके अनुसार सेवानिवृत्ति के समय सरकारी कर्मचारी द्वारा समर्पित की गई पेंशन की राशि को सेवानिवृत्ति की तिथि से 15 वर्ष पूर्ण होने पर पुनः बहाल कर दिया जाएगा।