Haryana: हरियाणा में इन अफसरों पर गिर सकती है गाज, शाह की सुरक्षा में हुई चूक पर गृह मंत्रालय ने मांगा जवाब

 
हरियाणा में इन अफसरों पर गिर सकती है गाज, शाह की सुरक्षा में हुई चूक पर गृह मंत्रालय ने मांगा जवाब

Haryana: हरियाणा से जुड़ी बड़ी खबर है। हरियाणा के हिसार में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सुरक्षा चूक को लेकर गृह मंत्रालय ने हरियाणा सरकार से जवाब मांगा है, जिसको लेकर अब हरियाणा सरकार ने हाई लेवल जांच कमेटी बना दी है। 

जानकारी के मुताबिक, इस कमेटी की अगुआई रिटायर्ड जस्टिस एचएस भल्ला करेंगे। इसके अलावा प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेंद्र कुमार और ADGP कानून व्यवस्था संजय कुमार को सदस्य बनाया गया है। Haryana News 

मिली जानकारी के अनुसार, यह जांच कमेटी 31 मार्च को हिसार के अग्रोहा में शाह की सुरक्षा चूक की जांच कर जिम्मेदारी तय करेगी। ऐसी सूरत में पुलिस के बड़े अफसरों पर गाज गिर सकती है। इससे पहले हरियाणा पुलिस एक DSP और एक इंस्पेक्टर को नोटिस देकर जवाबतलबी कर चुकी है। ये दोनों अधिकारी सिक्योरिटी प्लान के उलट दूसरी जगह पर घूम रहे थे।

जानकारी के मुताबिक, बता दें कि शाह हिसार में अग्रोहा मेडिकल कॉलेज में महाराजा अग्रसेन की मूर्ति के अनावरण के लिए आए थे। जहां उनकी सुरक्षा में चूक का मामला उजागर हुआ था। Haryana News

मंत्रालय ने लिखा था पत्र

मिली जानकारी के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 अप्रैल को हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी और DGP को पत्र लिखकर कहा था कि वह इस मामले की जांच करवाएं। जांच के बाद भविष्य में इस तरह की गलती दोबारा न हो, इसके लिए क्या कदम उठाए जाएंगे, उसके बारे में भी सूचित करें।

जानकारी के मुताबिक, इस तरह किसी VVIP या अति विशिष्ट गणमान्य के दौरे के दौरान कोई चूक न हो, इसके लिए एक ठोस रणनीति बनाई जाए। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने अमित शाह की सुरक्षा में चूक की जांच रिटायर्ड जस्टिस एचएस भल्ला को सौंप दी है। Haryana News

नोटिस किया था मामला

मिली जानकारी के अनुसार, हरियाणा के हिसार में शाह की सुरक्षा में चूक के मामले को जहां हरियाणा पुलिस ने अनदेखा कर मामले को पूरी तरह दबाने का प्रयास किया था वहीं गृह मंत्रालय की सुरक्षा कवच में लगे अफसरों ने मामले को तुरंत पकड़ लिया था। Haryana News

जानकारी के मुताबिक, वे यह मामला हरियाणा पुलिस के अधिकारियों के संज्ञान में लाए लेकिन पहले इसे पुलिस ने दबाए रखा, जिसके बाद अब गृह मंत्रालय को खुद आकर इस मामले में पत्राचार करना पड़ा।