Haryana: हरियाणा में इन 10 जिलों में बढ़ेंगे जमीनों के दाम, सैनी सरकार ने किया बड़ा ऐलान

Haryana: हरियाणा से बड़ी खबर है। हरियाणा सरकार राज्य के 10 जिलों में 10 इंटीग्रेटेड औद्योगिक टाउनशिप बनाने जा रही है। हरियाणा के लोगों को इससे बहुत फायदा मिलने वाला है। सरकार ने इसके लिए प्रमुख एक्सप्रेसवे और स्टेट हाईवे के किनारो 10 क्षेत्रों की पहचान कर ली है।
मिली जानकारी के अनुसार, इसके साथ ही इन स्थानों पर विकास की रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा शुरु हो गई है। उद्योग मंत्री राव मंत्री नरबीर सिंह ने प्रगति की पुष्टि करते हुए कहा कि तीन प्रमुख राजमार्गों और एक्सप्रेस-वे के किनारे टाउनशिप विकसित की जाएंगी।
जानकारी के मुताबिक, ये क्षेत्र राजमार्ग के किनारे या उन बिंदुओं पर बनाए जाएं जहां दो राजमार्ग एक-दूसरे को काटते हैं क्योंकि किसी भी औद्योगिक क्षेत्र की सफलता में कनेक्टिविटी एक महत्वपूर्ण कारक है।
बसेगी टाउनशिप
कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा "हम दिल्ली और कटरा के बीच राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे 5, नारनौल-अंबाला एक्सप्रेसवे 152 डी और प्रस्तावित डबवाली-पानीपत राजमार्ग के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों पर चर्चा कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक टाउनशिप के लिए संभावित स्थानों को अंतिम रूप देने के लिए हरियाणा सरकार और नीति आयोग के बीच मीटिंग हो चुकी है।
हरियाणा के इन 10 जिलों को इस योजना में किया गया शामिल
सिरसा
कैथल
भिवानी
नारनौल
जींद
अंबाला
गुरुग्राम
फरीदाबाद (ग्रेटर फरीदाबाद)
हिसार (महाराजा अग्रसेन हिसार एयरपोर्ट के पास)
नारनौल
चयन किया गया
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार ने न्यू गुरुग्राम, हिसार (एयरपोर्ट के पास), सिरसा (नए प्रस्तावित डबवाली-पानीपत हाईवे पर), ग्रेटर फरीदाबाद (जेवर एयरपोर्ट के नजदीक), भिवानी (नेशनल हाईवे 709 पर), नारनौल (आगामी लॉजिस्टिक हब के पास), जींद, कैथल और अंबाला का चयन किया है।
सर्वे
गुरुग्राम और फरीदाबाद में औद्योगिक संभावनाएं बहुत ज़्यादा हैं, लेकिन अधिकारियों को शुरू में नियोजित 10 टाउनशिप के अलावा अतिरिक्त टाउनशिप के लिए आंतरिक हरियाणा का सर्वेक्षण करने का भी निर्देश दिया गया है। जानकारी के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया, सर्वेक्षण यह सुनिश्चित करेगा कि अन्य जिले, जिन्हें छोड़ दिया गया है, उन्हें भी भूमि उपलब्धता के आधार पर औद्योगिक पार्क और ज़ोन के लिए विचार किया जाए।
गुरुग्राम और फरीदाबाद पर स्पेशल फोकस
सरकार का गुरुग्राम और फरीदाबाद जैसे बड़े शहरों पर स्पेशल फोकस रहेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि यहां पहले से ही ऑटोमोबाइल, मैन्युफैक्चरिंग और मल्टीनेशनल कंपनियों का बेस बना हुआ है। इन दोनों शहरों को दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख कॉरिडोर के रूप में और भी विकसित किया जा सकेगा।
रोजगार और MSME सेक्टर को मिलेगा सीधा फायदा
नई टाउनशिप योजना से रोजगार के हजारों अवसर मिल सकेंगे। इसके साथ ही यह मेक इन इंडिया और लोकल टू ग्लोबल इनिशिएटिव्स को भी मजबूती मिलने में मदद मिलेगी। MSME सेक्टर के लिए यह योजना नई संभावनाओं का एक बड़ा विकल्प है।
बनेंगे इंडस्ट्रियल क्लस्टर
दिल्ली-कटरा Expressway के दोनों तरफ ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग जैसे सेक्टरों के लिए इडस्ट्रीयल क्लस्टर बनाए जाएंगे। इससे गुरुग्राम, कैथल और जींद जैसे जिलों को काफी फायदा मिलेगा। वहीं नारनौल-अंबाला Highway पर छोटे उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
डबवाली-पानीपत हाईवे से इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोकेमिकल को मिलेगा बढ़ावा
इस योजना के तहत डबवाली से पानीपत तक फैले हाईवे क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स और पेट्रोकेमिकल सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा। वहीं सिरसा और भिवानी जिलों को भी आपस में कनेक्ट किया जाएगा। जिससे क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिल सकेगा।