Haryana: हरियाणा के बिजली विभाग में बड़ी कार्रवाई, आयोग ने लगाया SDO और CA को जुर्माना ?

Haryana: हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है। हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम, टोहाना (फतेहाबाद) में कार्यरत कमर्शियल सहायक (CA) देवी लाल पर 5 हजार रूपये तथा तत्कालीन SDO धर्मबीर सिंह पर 3 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
आयोग ने यह जुर्माना आवेदक को अधिसूचित सेवा निर्धारित समय सीमा में न देने व बिना किसी उचित कार्यवाही के अपील का निपटान करने के कारण लगाया गया।
आयोग के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि फतेहाबाद जिले के निवासी श्री सुनील कुमार प्रिंसिपल, गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल, कन्हेरी के नाम से एनडीएस श्रेणी के बिल में सुधार के संबंध में 29 मई, 2024 को शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन कमर्शियल सहायक (CA) ने बिला जांच के इस मामले को अगले ही दिन बंद कर दिया।
उन्होंने बताया कि इसके बाद मामला एफजीआरए व एसजीआरए के पास गया लेकिन वहां पर भी इसका समाधान नहीं हो पाया। समस्या का समाधान न होने से शिकायतकर्ता ने 25 दिसंबर, 2024 को आयोग में स्व-अपील दायर की। शिकायतकर्ता ने आयोग को बताया कि नेट मीटर 25 फरवरी, 2021 को लगाया गया था और उन्हें अक्टूबर, 2023 तक यानी दो साल और आठ महीने की अवधि तक कोई बिल नहीं मिला।
इसके बाद, उन्हें 2023 के नवंबर और दिसंबर में एक बिल मिला, जिसका भुगतान किया गया था, लेकिन जनवरी, 2024 में उन्हें बहुत अधिक बिल मिला, जिसके बारे में उन्होंने शिकायत दर्ज कराई थी।
आयोग ने इस मामले के सभी तथ्यों और परिस्थितियों पर ध्यानपूर्वक विचार करते हुए कहा कि CA देवी लाल की गलती स्पष्ट रूप से दिखाई देती है, क्योंकि उन्होंने शिकायत प्राप्त होने के एक दिन के भीतर ही मामले को बिना किसी विवरण पर गौर किए बंद कर दिया। इसी प्रकार, तत्कालीन SDO धर्मबीर सिंह ने कोई कार्रवाई न करने और 20 जून, 2024 को शिकायत का गलत तरीके से समाधान करने के लिए दोषी हैं।
उनका तर्क कि अगस्त, 2021 से जून 2023 तक बिलिंग नहीं की गई, क्योंकि डेटा को हारट्रॉन से आरएपीडीआरपी प्रणाली में माइग्रेट किया जा रहा था, बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।
आयोग ने हरियाणा सेवा का अधिकार अधिनियम की धारा 17(1)(एच) के तहत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए कमर्शियल सहायक (CA) देवी लाल पर 5 हजार रुपये और तत्कालीन SDO धर्मबीर सिंह पर 3 हजार रुपये का जुर्माना लगाता है। इस मामले में आयोग ने वर्तमान एक्सईएन कृष्ण कुमार को निर्देश दिया कि एक सप्ताह के भीतर नया बिल जारी कर 31 जनवरी, 2025 तक आयोग को इसकी रिपोर्ट करें।