Haryana: हरियाणा में पुलिस और किसानों के बीच हुई बड़ी झड़प, कई किसान किए गिरफ्तार

Haryana: हरियाणा से बड़ी खबर सामने आ रही है। हरियाणा के नूंह जिले में धरने पर बैठे 9 गांव के पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई। जानकारी के अनुसार, जिसके बाद पुलिस कई किसानों को गिरफ्तार कर हरियाणा रोडवेज की 4 बसों से थाने ले गई।
जानकारी के मुताबिक, किसानों ने धीरदूका गांव में IMT रोजकामेव का काम रोक दिया था। जिसके बाद HSIIDC के कर्मचारी पुलिस के साथ JCB मशीनों को लेकर नालियों और रास्तों का कार्य करने मौके पर पहुंचे थे। उसी समय हजारों किसान, महिलाएं और बच्चे कार्य स्थल पर पहुंच गए। Haryana News
मिली जानकारी के अनुसार, इस दौरान पुलिस और किसानों का आमना-सामना हुआ। किसानों ने कार्य को रुकवाते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक वह काम नहीं होने देंगे। वहीं पुलिस प्रशासन किसानों को शांति करने की अपील कर रहा है। लेकिन किसान भूमि मुआवजे की मांग पर अड़े रहे।
सोमवार को भी रुकवाया था कार्य
Haryana News मिली जानकारी के अनुसार, HSIIDC के कर्मचारी सोमवार को भी JCB मशीनें लेकर पहुंचे थे। लेकिन किसानों ने मौके पर पहुंचकर JCB मशीनों पर चढ़कर काम को रोक दिया। जानकारी के मुताबिक, किसानों ने साफ तौर पर कहा है कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी, तब तक किसी भी कीमत पर काम नहीं चलने दिया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, काफी समझाने के बाद किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे और काम कर रही JCB मशीनों को रुकवाकर उन पर बैठ गए। किसानों ने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी तब तक इसी तरह धरना चलेगा और रही रोजे की बात, तो शहरी और इफ्तारी यहीं पर की जाएगी। Haryana News
मिली जानकारी के अनुसार, इस दौरान एक बुजुर्ग महिला भी बेहोश हो गई, जिसे आनन–फानन में अस्पताल पहुंचाया गया। जानकारी के मुताबिक, बुजुर्ग महिला ने रोजा रखा हुआ था, जो गर्मी को बर्दाश्त नहीं कर पाई और बेहोश होकर गिर गई।
पुलिस कर रही शांति की अपील
Haryana News जानकारी के मुताबिक, हजारों की संख्या में किसानों ने चारों तरफ से मशीनों को घेर लिया है। किसान कह रहे हैं कि वह आर पार की लड़ाई के लिए तैयार हैं। चाहे उन्हें जेल जाना पड़े। लेकिन वह काम नहीं होने देंगे। पुलिस के आला अधिकारी किसानों को समझते रहे है और शांति की अपील की।
ये है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार, IMT रोजकामेव के लिए 9 गांव खेड़ली कंकर, मेहरोला, बडेलाकी, कंवरसीका, रोजकामेव, धीरदोका, रूपाहेड़ी, खोड (बहादरी) और रेवासन के किसानों की साल 2010 में 1600 एकड़ जमीन अधिग्रहण की गई थी। उस दौरान किसानों की जमीन को सरकार द्वारा 25 लाख रुपए का मुआवजा देकर प्रति एकड़ अधिग्रहण किया गया था। Haryana News
जानकारी के मुताबिक, इसके बाद सरकार ने फरीदाबाद के चंदावली, मच्छगर गांवों की जमीन को भी अधिग्रहण किया। वहां के किसानों ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी जमीन को सस्ते दामों में सरकार पर लेने का आरोप लगाकर मुआवजा बढ़ाने की मांग की थी, जिस पर कोर्ट ने किसानों को प्रति एकड़ दो करोड़ की राशि देने के आदेश दिए थे।
मिली जानकारी के अनुसार, इस दौरान जब 9 गांवों के किसानों को पता चला कि युक्त गांवों के किसानों को दो करोड़ प्रति एकड़ मिले हैं, तो उन्होंने भी लंबी लड़ाई लड़कर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। जानकारी के मुताबिक, जिस पर सरकार ने किसानों से बातचीत करते हुए उनकी जमीन को 46 लाख रुपए प्रति एकड़ देने की बात कही। Haryana News
जानकारी के मुताबिक, उनसे एफिडेविट पर साइन करा लिए, ताकि किसान कोर्ट में ना जा सकें और सभी किसानों को 21- 21 लाख रुपए देकर कहा कि आगे आपको 25-25 लाख रुपए ओर दे दिए जाएंगे, लेकिन आज तक भी किसानों को 25-25 लाख रुपए नहीं दिए गए हैं। जानकारी के मुताबिक, इसी के चलते किसान धीरदूका गांव में 29 फरवरी से अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।