Haryana: हरियाणा में बड़े फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा, 238 खिलाड़ियों के ग्रेडेशन सर्टिफिकेट निकले फर्जी
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Haryana: हरियाणा में खेल कोटे से नौकरी देने की नीति के बाद ग्रेडेशन सर्टिफिकेट में फर्जीवाड़ा बढ़ गया है। कई युवा फर्जी या गलत तरीके से स्पोर्ट्स ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं।
कई ने इसी के आधार पर नौकरी भी हासिल कर ली है। अब कराटे से जुड़े फर्जी सर्टिफिकेट का मामला सामने आया है। खेल विभाग ने जांच के लिए यह मामला एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को सौंप दिया है।
पाए गए फर्जी
खेल विभाग ने खुद एक कमेटी बनाकर जांच की थी, जिसमें 238 सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए। इससे पहले हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन ने खेल कोटे से नौकरी पाने वाले करीब 3000 युवाओं के सर्टिफिकेट के सत्यापन का मामला खेल विभाग को भेजा था।
हाल ही में 76 सर्टिफिकेट में गड़बड़ी पाई गई। इन युवाओं को इन्हीं सर्टिफिकेट के आधार पर सरकारी नौकरी मिली है। अब खेल विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को आदेश दिए गए हैं कि इन युवाओं से स्पष्टीकरण लेकर सर्टिफिकेट रद्द किए जाएं। विभाग के प्रधान सचिव ने इसके निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे खिलाड़ियों की नौकरी पर तलवार लटक गई है।
एसीबी ने 53 विभागों से
कराटे के फर्जी सर्टिफिकेट मिलने के मामले में एसीबी ने जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में 53 विभागों से रिपोर्ट मांगी गई है। इन विभागों में कई युवाओं को इन्हीं सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी मिली है।
सूत्रों के मुताबिक, अब तक 10 विभागों ने रिपोर्ट भेज दी है। बाकी विभागों की रिपोर्ट के लिए एसीबी ने खेल विभाग को पत्र लिखा है। हरियाणा के खेल मंत्री गौरव गौतम ने कहा कि अभी जांच चल रही है। ओलिंपिक संघ से भी जानकारी मांगी गई है। गलत करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।
ये मिल रहीं खामियां
हरियाणा में राज्य स्तरीय खेल एसोसिएशन की मान्यता का सिस्टम बना हुआ है। यह एसोसिएशन उन राष्ट्रीय एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त होनी चाहिए, जो ओलिंपिक संघ से मान्यता प्राप्त है। यदि मान्यता में कहीं भी अंतर है तो फिर उनके ग्रेडेशन सर्टिफिकेट मान्य नहीं होते।
सूत्रों का कहना है कि कुछ एसोसिएशनों ने तो एक ही इवेंट के एक ही प्रकार के 2-2 मेडल भी दिए हुए हैं। हालांकि पूरा खुलासा एसीबी की जांच के बाद ही सामने आएगा।
होगी कार्रवाई
सरकार उन एसेसिएशन के खिलाफ भी कार्रवाई करेगी, जो गलत तरीके से ग्रेडेशन सर्टिफिकेट बना रही है। विभाग की ओर से इसे लेकर ओलिंपिक संघ से जानकारी मांगी है।
सूत्रों का कहना है कि यह जानकारी मिलने के बाद यह देखा जाएगा कि कितनी एसोसिएशन संघ से मान्यता प्राप्त है और कितनी नहीं। जो एसोसिएशन संघ से मान्यता प्राप्त नहीं है और ग्रेडेशन सर्टिफिकेट जारी कर रही है, उन पर कार्रवाई होगी।
जांच जारी
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में हुई ग्रुप-डी भर्ती में भी 1800 से ज्यादा युवाओं को खेल कोटे से नौकरी मिली थी। इसके कुछ समय के बाद इनके ग्रेडेशन सर्टिफिकेट पर भी सवाल उठे थे।
कुछ सर्टिफिकेट गलत पाए जाने पर मामला एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को सौंपा गया था। इस मामले की जांच अभी भी जारी है। अब तक 500 से ज्यादा युवाओं को नौकरी से निकाला जा चुका है। हालांकि, मामला हाई कोर्ट पहुंच गया है।