Haryana : हरियाणा में मामा ने भरा अनोखा भात, चर्चा का विषय बन गई ये नई पहल

 
Haryana : हरियाणा में मामा ने भरा अनोखा भात, चर्चा का विषय बन गई ये नई पहल

 Haryana : हरियाणा के चरखी दादरी जिले के गांव झोझू खुर्द में मामा ने अनोखा भात भरा। जिसकी चर्चा पूरे हरियाणा में चल रही है। जानकारी के मुताबिक, दादरी के गांव हड़ौदा से यहां बहन के घर भात भरने आए लोगों ने पर्यावरण संरक्षण को लेकर संदेश दिया। 

मिली जानकारी के अनुसार, अपने साथ पौधे लेकर पहुंचे दूल्हे के मामा और वहां मौजूद लोगों को पारंपरिक उपहार पैंट-शर्ट, कंबल-लोई की जगह पौधे भेंट किए। जानकारी के मुताबिक, उनकी इस पहल की क्षेत्र में काफी चर्चा हो रही है और लोग सराहना कर रहे हैं। Haryana News

चीकू के पौधे किए भेंट

मिली जानकारी अनुसार, झोझू खुर्द में सुरेंद्र शर्मा के यहां उनके दो बेटों योगेश कुमार एवं कपिल देव का विवाह बड़े हर्षोल्लास और भारतीय संस्कृति की परंपराओं के अनुरूप संपन्न हुआ। जानकारी के मुताबिक, इस शुभ अवसर पर सभी रस्मों को पूरी विधि-विधान से निभाया गया। लेकिन इस विवाह का सबसे अनोखा और चर्चा का विषय भात रस्म रहा।  Haryana News

जानकारी के मुताबिक, गांव हड़ौदा कलां से आए भातियों ने इस बार भात के रूप में कोई पारंपरिक उपहार नहीं दिया बल्कि एक अनुकरणीय पहल करते हुए प्रत्येक उपस्थित जन को मान-सम्मान के प्रतीकस्वरूप चीकू का पौधा भेंट किया।  Haryana News जानकारी के मुताबिक,  इस अनूठी पहल की शुरुआत मास्टर सोमवीर भारद्वाज ने की जो राजकीय प्राथमिक स्कूल भारीवास में शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं।

सच्चे जीवन साथी

मिली जानकारी अनुसार, जब मास्टर सोमवीर भारद्वाज से इस नवाचार के पीछे के विचार के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि प्रकृति और पेड़-पौधों के प्रति उनका लगाव बचपन से ही रहा है। लेकिन एक शिक्षक होने के नाते उनका दायित्व बनता है कि वे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करें। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने कहा कि हम परंपराओं को निभाते हैं लेकिन हमें समय के साथ उनमें सार्थकता भी जोड़नी चाहिए।  Haryana News

पहल की सराहना

जानकारी के मुताबिक, मास्टर सोमवीर भारद्वाज द्वारा की गई इस पहल की पूरे गांव में चर्चा रही। स्थानीय लोगों ने इसे न केवल एक प्रेरणादायक कार्य बताया, बल्कि इसे एक नई परंपरा के रूप में अपनाने की बात भी कही। मिली जानकारी अनुसार, विवाह समारोह में उपस्थित गणमान्य लोगों ने पौधे ग्रहण करते हुए यह संकल्प लिया कि वे इन्हें अपने घरों और खेतों में रोपित करेंगे और उनका संरक्षण करेंगे