Haryana News: हरियाणा के गुरुग्राम में जेई को चार्जशीट करने के आदेश, लापरवाही बतरने का आरोप

 
हरियाणा के गुरुग्राम में जेई को चार्जशीट करने के आदेश, लापरवाही बतरने का आरोप

Haryana News: हरियाणा के गुरुग्राम सेक्टर-15 स्थित गुलमोहर पार्क में जल निकासी व्यवस्था में लापरवाही बरतने पर नगर निगम गुरुग्राम ने सख्त कार्रवाई की है। 

निगमायुक्त प्रदीप दहिया ने कनिष्ठ अभियंता रविन्द्र कुमार को  हरियाणा सविल सेवा (दंड एवं अपील) नियम, 2016 के नियम 7 के अंतर्गत चार्जशीट कर दिया है। शनिवार-रविवार की रात्रि गुरुग्राम में हुई भारी बारिश के दौरान गुलमोहर पार्क में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई थी, जिससे क्षेत्रवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

इस दौरान यह सामने आया था कि कनिष्ठ अभियंता रविन्द्र कुमार ने पूर्व में दिए गए निर्देशों की अनदेखी की। संपवैल मोटर पंप के लिए समय रहते बिजली कनेक्शन नहीं कराया गया और न ही मोटर पंप संचालन हेतु वैकल्पिक व्यवस्था की गई। इससे स्पष्ट होता है कि जल निकासी प्रबंधों को लेकर गंभीरता नहीं बरती गई। 

निगमायुक्त द्वारा रविवार को तुरंत ही जेई को निलंबित किया गया था और अब मंगलवार को औपचारिक रूप से चार्जशीट जारी कर दी गई। यही नहीं, इस मामले में संबंधित कार्यकारी अभियंता व सहायक अभियंता को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसका जवाब उन्हें तीन दिन के भीतर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। 

निगमायुक्त प्रदीप दहिया के अनुसार-‘‘जनहित से जुड़े कार्यों में लापरवाही किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। गुलमोहर पार्क क्षेत्र में जल निकासी की व्यवस्था समय रहते सुनिश्चित की जानी चाहिए थी, लेकिन संबंधित अधिकारी द्वारा निर्देशों की अवहेलना की गई। यह न केवल लापरवाही है, बल्कि नागरिकों को असुविधा पहुंचाने का कारण भी बनी।

ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई ज़रूरी है, ताकि अन्य अधिकारी भी अपने कर्तव्यों के प्रति सजग रहें। नगर निगम गुरुग्राम की प्राथमिकता है कि शहरवासियों को बरसात के मौसम में जलभराव जैसी समस्याओं से राहत मिले, और इसके लिए हर स्तर पर जवाबदेही तय की जाएगी।’’

जवाबदेही तय करना ही सुशासन की बुनियाद है

निगमायुक्त द्वारा की गई इस कार्रवाई का शहर के कई गणमान्य नागरिकों ने समर्थन किया है। नागरिकों का कहना है कि नगर निगम गुरुग्राम द्वारा जल निकासी जैसे महत्वपूर्ण कार्य में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी के विरुद्ध की गई यह कार्रवाई न केवल समयोचित है, बल्कि एक सशक्त संदेश भी है। वर्षों से जलभराव जैसी समस्याएं गुरुग्राम जैसे विकसित होते शहर की छवि को धूमिल करती रही हैं। ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों से अपेक्षा होती है कि वे पूर्व तैयारियों में कोई कोताही न बरतें। 

निगमायुक्त द्वारा कनिष्ठ अभियंता पर की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि निगम अब सुशासन और जवाबदेही के मानकों को सख्ती से लागू कर रहा है। यह जरूरी है कि न केवल कार्रवाई की जाए, बल्कि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो, इसके लिए सतत निगरानी और मूल्यांकन भी किया जाए क्योंकि जनहित से जुड़े कार्यों में जब लापरवाही होती है, तो उसका असर केवल सिस्टम पर नहीं, बल्कि आम नागरिकों की जिंदगी पर पड़ता है। ऐसे में नगर निगम की यह सख्ती स्वागतयोग्य कदम है, जिसे जारी रखा जाना चाहिए।