Haryana News: हरियाणा में साइबर क्राइम यूटिलिटी सर्विस हुई लागू, जानें क्या होगा खास

 
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Haryana News: हरियाणा में नए कानूनी विवादों को लेकर सरकार ने अब कदम उठाया है। सरकार ने इन विवादों को कम करने के लिए व साइबर अपराध के मामलों के तुरंत समाधान के लिए साइबर अपराध को जन उपयोगी सेवा के रूप में वर्गीकृत किया है। सबसे खास बात इस निर्णय से स्थायी लोक अदालत को निर्णय लेने का अधिकार मिलेगा

सरकार ने लगाई एक शर्त

बता दें कि सरकार ने साइबर अपराध से संबंधित एक शर्त भी लगाई है। सरकार ने कहा है कि अपराध से जुड़ी हुई धनराशि जारी करने के लिए स्थायी लोक अदालत के समक्ष तभी आवेदन प्रस्तुत किया जा सकेगा, जब ऐसी घटनाओं में कोई FIR दर्ज न की गई हो।

जानकारी के लिए बता दें कि यह प्रावधान केवल उन मामलों में लागू होता है जहाँ कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है, जिससे केवल साइबर अपराधों में शामिल धन को डी-फ्रीज करने या जारी करने के लिए आवेदन की अनुमति मिलती है।

पुलिस अधीक्षक से हुआ मंथन

बता दें कि इसम मामले में पंचकूला के साइबर पुलिस अधीक्षक के साथ पहले विचार किया गया और बाद में यह फैसला लिया गया कि साइबर अपराध को सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं की श्रेणी में जोड़ा जाना चाहिए, विशेष रूप से अनडिस्प्यूटेड केस के लिए जहां कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।

इस एक्ट के तहत हुई कार्रवाई

विधिक सेवा प्राधिकरण एक्ट, 1987 के तहत राज्य सरकारों को जनहित में सार्वजनिक उपयोगिता सूची में सेवाएं जोड़ने का अधिकार है। हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (HSLSA) पिछले साल तक 38,000 से अधिक लंबित साइबर अपराध शिकायतों का हवाला देते हुए इस समावेशन की वकालत कर रहा था।